इन्दौर। राधाकृष्ण रासरंग फाग यात्रा में इस बार भी बाणगंगा क्षेत्र में जहां आदिवासी, राजस्थानी एवं छत्तीसगढिया लोकनृत्यों की छटा देखने को मिली, वहीं दो रथों पर सवार होकर राधा-कृष्ण एवं भोले भंडारी अपने भक्तों को रंगपंचमी पर सूखे रंग और गुलाल की बोछारों से शुभकामनाएं देते नजर आए। राधा कृष्ण के रथ को हजारों महिलाएं कुशवाह नगर राम मंदिर से मरीमाता चैराहे तक खींचते हुए चली। मार्ग में दो मिसाईलों से चार सौ फुट की दूरी एवं ऊंचाई तक सूखे और सुगंधित रंगों की इन्द्रधनुषी वर्षा की गई। पूरे समय फाग भजनों की मस्ती में युवा ढोल-नगाडों, मांदल एवं अन्य वाद्य यंत्रों की सुर लहरियों पर नृत्य करते हुए चलें। यात्रा मार्ग की सफाई हेतु सबसे अंत में विशेष वाहन की व्यवस्था की गई थी।
यात्रा संयोजक गोलू शुक्ला ने बताया फाग यात्रा का शुभारंभ कुशवाह नगर राम मंदिर पर पूजा-अर्चना के साथ हुआ। यात्रा का यह 15वां वर्ष था। ठंडाई वितरण के बाद यात्रा में अनेक लोकनर्तक मंडलियां भी शामिल हुई। यात्रा में शामिल मनोहारी झांकियों में कृष्ण एवं राधा तथा शिव-पार्वती होली खेल रहे थे। एक खुले वाहन पर सवार होकर वृंदावन के मुकेशानंद महाराज एवं छोटे पागल बाबा श्रीधर झरकर अपने भजनों एवं फाग गीतों की मनोहारी प्रस्तुतियां देते हुए चल रहे थे। राम मंदिर से बाणगंगा नाका एवं मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर तक यह सिलसिला चलता रहा। दो मिसाईलें भी इस काफिले में शामिल थी, जो 400 फुट तक की दूरी या ऊंचाई तक अबीर-गुलाल, टेसू, चंदन एवं केसर की बोछारों से माहौल को रंगीन एवं सुगंधित बना रही थी। राधा कृष्ण रासरंग फाग यात्रा से समूचा क्षेत्र रंगारंग हो गया।
श्रमिक क्षेत्र की यह पहली फाग यात्रा थी जिसमें बच्चे, युवा और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस अवसर पर इविप्रा के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, सांसद शंकर लालवानी, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, मंडल अध्यक्ष टीनू कश्यप, अनिल तिवारी, पार्षद सीमा डाबी, पराग कौशल, दिलीप मिश्रा, कृष्ण वल्लभ डाबी, गोविंद पवार, पूर्व मंडल अध्यक्ष रमाकांत गुप्ता, अशोक निगोते सहित बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों उत्साह के साथ भाग लिया। यात्रा के समापन पर संयोजक एवं इविप्रा उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला ने करीब 2 हजार बंधुओं को शहर को सातवीं बार स्वच्छता के मामले में और यातायात व्यवस्था के लिए भी नंबर वन बनाने का संकल्प दिलाया।