पं. धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री जी ने बताए जीवन सूत्र

जबलपुर। पनागर में चल रही महाराज पंडित धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री की श्रीमद भागवत कथा में रविवार को भी जन सैलाब उमड़ा। हर उम्र वर्ग जाती धर्म के लोग कथा सुनने पहुंच रहे हैं। रविवार को गोकर्ण-धुंधकारी कथा प्रसंग समझाते हुए महाराजश्री ने कहा कि भगवान का भक्त बनने के बाद कोई कभी रोता नहीं है वरन सदा मुस्कुराता रहता है। उन्होंने प्रतिप्रश्न किया कभी महात्माओं को रोते देखा है? महात्मा यदि रोते नहीं हैं, तो इसका कारण सिर्फ यही है कि वे भगवान के प्रेम में डूबकर सदा मुस्कुराते रहते हैं। धुंधकारी कथा ये बताती है कि भागवत कथा के श्रवण से जीवन की बाधाएं ही दूर नहीं होतीं, प्रेत बाधा से भी मुक्ति मिल जाती है। भागवत कथा जिंदा व्यक्ति को तो मुक्ति करती ही है, मरने के बाद उसके नाम पर कोई कथा सुनवा दे, तो भी दिवंगत आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। उन्होंने कहा कि धुंधकारी ने मुक्त होकर भागवत कथा की महिमा गाई है। महाराज श्री ने कहा, दुख से भरे इस संसार की हर बाधा पार करनी है तो भगवान का बनना ही एक मात्र उपाय है।
जबलपुर है संस्कारों की नगरी………….
पं. धीरेन्द्रकृष्ण शास्त्री जी ने कहा, जबलपुर ऋषि जाबाली के नाम पर प्रसिद्ध है। जबलपुर संस्कारों की राजधानी है। यहां रह कर भी संस्कार न निखरे तो ये दुर्भाग्य है। निखरने का आशय समझाते हुए उन्होंने कहा कि तन को निखारोगे तो काम से भरोगे, मन को निखारोगे तो राम से भरोगे। तन के लिए साबुन की जरूरत पड़ती है, पर मन को निखारने के लिए कथा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जबलपुर अब इतिहास रच रहा है। यहां का हर व्यक्ति सीताराम-सीताराम कह रहा है।
ऐसे करें मन को शांत………….
महाराजश्री ने कहा कि यदि मन को शांत करना है तो इसके 6 उपाय हैं। एकांत में रहने का अभ्यास करिए, अल्प भोजन करिए, मौन रहिए, किसी से आशा मत रखिए, इंद्रिय सय्यम करिए, प्राणायाम करिए। भारत के महान हिंदू धर्म पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जिस दिन यहां के 40 फीसदी लोग रामचरित मानस पढ़ने लगेंगे, तीस करोड़ तिलक लगाने लगेंगे उसी दिन भारत हिंदू राष्ट घोषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह विवाहित स्त्री की निशानी माथे पे सिंदूर गले में मंगलसूत्र है। उसी तरह हिंदू की निशानी माथे पे भगवान के नाम का तिलक और गले में राम के नाम की कंठी माला है।
तिवारी परिवार ने की आरती…………
कथा के प्रारंभ में आयोजक पनागर विधायक इंदू तिवारी, माया तिवारी, संध्या तिवारी, राजकुमारी तिवारी, हीरा तिवारी, अमित तिवारी, रोबिन तिवारी, राजीव तिवारी, श्वेता तिवारी, किशोर मिश्रा मधु दुबे आदि ने व्यास पीठ का पूजन कर भागवत भगवान की आरती की।