मन पर नियंत्रण

सब पर नियंत्रण चाहते हैं

मन पर नियंत्रण चाहे न कोई

अपने मन पर नियंत्रण रखते नहीं

अन्तरात्मा चाहे बेशक रहे सोई 

दूसरे से उम्मीद करते है गाली न दे

खुद गालियां देते हैं हज़ार

शिक्षा देते हैं दूसरों को झूठ न बोलें

खुद करते हैं झूठ का ही व्यापार

मुंह में राम होता है

बगल में दबाये रखते हैं छुरी

विश्वासघात करते हैं हमेशा

यह आदत है बहुत बुरी

लालच बहुत है मन में

थोड़े से पेट नहीं है भरता

बेईमानी को अपना लिया ज़िन्दगी में

क्यों ईमानदारी के काम नहीं हैं करता

बेईमानों के ठाठ देखकर

चंचल मन ललचाता है

कर्मयोगी सच्चा वही है

जो मन पर काबू रख पाता है

मन पर काबू जिसने रखा

कष्टों से छुटकारा पाया

मोहमाया में जो भी उलझा

सुखचैन उसने अपना गंवाया

रवींद्र कुमार शर्मा

घुमारवीं

जिला बिलासपुर हि प्र