लोकसभा चुनाव के मद्देनजर होगा फैसला

बेंगलुरु । कांग्रेस ने कर्नाटक में शानदार जीत के साथ ही सरकार बनाने के फॉर्मूले पर कार्य करना शुरू कर दिया है। इसके चलते कुरुबा कम्युनिटी से आने वाले सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना तेज हो गई है। इसके साथ ही जीत के प्रमुख सूत्र डीके शिवकुमार समेत तीन को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश में सभी वर्ग के लोगों को प्रतिनिधित्व देने की स्ट्र्जी पर कांग्रेस कार्य करती दिख रही है। दरअसल शिवकुमार वोक्कालिगा कम्युनिटी से आते हैं, जबकि लिंगायत कम्युनिटी से आने वाले एमबी पाटिल और नायक/वाल्मिकी समुदाय के सतीश जारकीहोली को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा आम है। गौरतलब है कि कर्नाटक में कुरुबा आबादी 7 प्रतिशत, लिंगायत 16 प्रतिशत, वोक्कालिगा 11 प्रतिशत, एससी/एसटी करीब 27 फीसद हैं, यानी कांग्रेस इस फैसले से 61 फीसद आबादी को साधना चाह रही है।
डीके को सीएम बनाने की वकालत
एक तरफ सिद्धारमैया का सीएम बनना लगभग तय माना जा रहा है, वहीं पार्टी के अंदर ही कुछ लोग डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की पुरजोर वकालत कर रहे हैं। डीके को सीएम बनाने की चाहत रखने वाले नेताओं व समर्थकों का कहना है कि उनमें ऑर्गेनाइजेशनल स्किल सिद्धारमैया व अन्य स्थानीय नेताओं से ज्यादा है। वहीं यह तर्क भी दिया जा रहा है कि सिद्धारमैया विपक्ष के नेता और सीएम दोनो रह चुके हैं और उम्रदराजी भी काम-काज में आड़े आ सकती है, ऐसे में शिवकुमार बेहतर विकल्प हो सकते हैं। सूत्रों की मानें तो देर रात तक पार्टी के आला नेता अगले सीएम के नाम पर मोहर लगा देंगे, यही वजह है कि कयासों का दौर चला है।
दोनों दावेदार दिल्ली तलब, नहीं जाएंगे डीके
सीएम कौन बनेगा इन कायासों के बीच कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को दिल्ली तलब किया है। उनके साथ ही दोनों गुटों से जुड़े कुछ विधायकों को भी दिल्ली बुला लिया गया। सूत्रों की मानें तो डीके ने दिल्ली जाने से मना कर दिया है और उन्होंने भी मान लिया है कि वो सीएम नहीं बन रहे हैं। दरअसल कांगेेस इस जीत के जरिये लोकसभा चुनाव को साधना चाहती है। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं और फिलहाल सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का सांसद है, यह भी डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ही हैं। कांग्रेस का मानना है कि विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिस तरह से दिल खोलकर वोट किया है उसके नतीजे में लोकसभा चुनाव में कम से कम 20 सीटें तो मिलनी ही चाहिए।
डीके दो साल के लिए हो सकते हैं सीएम
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पांच साल वाली सरकार प्रथम तीन साल के कार्यकाल में सिद्धारमैया और आखिर के दो साल डीके शिवकुमार को सीएम बनाया जा सकता है। वैसे सूत्रों का यह भी कहना है कि विधायक दल की बैठक में शिवकुमार ने इस फॉर्मूले से असहमति जता चुके हैं। उनका कहना है कि हम दूसरे राज्यों में देख चुके हैं कि यह फॉर्मूला कारगर साबित नहीं हुआ।
डीके क्यों पिछड़ रहे
सूत्र साफ कहते हैं कि कांग्रेस डीके शिवकुमार को सीएम बनाने से कतरा रही है। इसकी मुख्य वजह शिवकुमार पर करप्शन के केस होने हैं। केंद्र सरकार ने प्रवीण सूद को सीबीआई का नया डायरेक्टर बनाकर संदेश दे दिया है कि शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल सूदकर्नाटक पुलिस के डीजीपी ष्ठत्रक्क थे। उनकी और शिवकुमार की आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी। एक समय डीके ने सूद को नालायक तक कह दिया था और सरकार में आने पर कार्रवाई करने को कहा था। ऐसे में डीके यदि सीएम बनते हैं तो करप्शन फाईल ओपन होने में समय नहीं लगेगा। इससे कांग्रेस बैकफुट पर जा सकती है।