हमारे देश में महिलाओं को कानूनी संरक्षण मिला हुआ
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिलाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हमारे देश में महिलाओं को कानूनी संरक्षण मिला हुआ है। इसका सहारा लेकर वह पुरुषों को आसानी से फंसा देती हैं। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि बड़ी संख्या में इस तरह के मामले आ रहे हैं, जिसमें महिलाएं लंबे समय तक किसी के साथ रिलेशन में रहकर उनके साथ शारीरिक संबंध बनाती हैं। फिर बाद में पार्टनर पर झूठे आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करा देती हैं।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि इसतरह के मामलों में न्यायिक अधिकारियों को सतर्क रहना चाहिए। उन्हें जमीनी हकीकत देखना चाहिए, उसके बाद ही कोई फैसला लेना चाहिए। अदालत ने वाराणसी निवासी ओम नारायण पांडेय की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि कानून पुरुषों के प्रति बहुत पक्षपाती है। महिलाओं की तरफ से पुरुषों पर बेबुनियाद आरोप लगाना बहुत आसान है। लंबे समय तक लिव इन में रहने के दौरान लड़के और लड़की में किसी मुद्दे पर विवाद हो जाता है। इसके बाद लड़की लड़के को झूठे मामलों में फंसा देती है।
पेश मामले के अनुसार, पांडेय के खिलाफ सारनाथ थाने में यौन उत्पीड़न सहित पॉक्सो के तहत एफआईआर दर्ज है। उन पर नाबालिग लड़की के साथ शादी का वादा कर यौन संबंध बनाने का आरोप है। पांडेय के वकील ने कोर्ट को बताया कि दोनों ने अपनी मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए हैं। कोर्ट ने कहा कि भारतीय सामाजिक और पारंपरिक मानदंडों के विपरीत लड़की के सम्मान के रक्षा के नाम पर दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी एफआईआर दर्ज की जा रही है।