जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को ईडी ने 11 सितंबर तक हिरासत में भेजा

नई दिल्ली । जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को बैंक धोखाधड़ी मामले में कोर्ट ने 11 सितंबर तक ईडी की हिरासत में भेजा है। वे अब 14 दिन तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने शुक्रवार देर रात गोयल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद 74 वर्षीय गोयल को शनिवार को मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया था। जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग की। जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक से 538 करोड़ रुपए के धोखाधड़ी से जुड़ा है। इस मामले में सीबीआई ने केनरा बैंक की शिकायत पर गोयल दंपती और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। ईडी ने मामले की जांच सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने बैंक धोखाधड़ी मामले में गोयल, उनकी पत्नी अनिता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
सीबीआई को शिकायत की थी कि उसने जेएएल को 848.86 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था जिसमें से 538.62 करोड़ रुपए अब भी बकाया है। इस खाते को 29 जुलाई, 2021 को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था। बैंक का आरोप था कि कंपनी की फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि गोयल ने अपनी अन्य कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में भुगतान किया और जेट का पैसा बाहर भेजा है।
जांच एजंसी सीबीआई का आरोप है कि गोयल परिवार के कर्मचारियों के वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च जैसे निजी खर्चों का भुगतान कंपनी ने किया था। इसके अलावा फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला कि जेएएल इंडिया से अग्रिम भुगतान और निवेश से धन की हेराफेरी की गई और बाद में प्रावधान करके उसे बट्टे खाते में डाल दिया। सीबीआई के अनुसार जेआईएल ने अपनी सहायक कंपनी जेएलएल के लिए ऋण और निवेश के रूप में धन का उपयोग किया। ईडी ने जुलाई में जेट एयरवेज के पूर्व प्रमोटर नरेश गोयल और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान भारतीय और विदेशी मुद्रा जब्त की है। ईडी ने एक बयान में कहा था कि उसने एक करोड़ रुपये से अधिक की बैंक जमा राशि भी जब्त की है। ईडी ने 2020 में मुंबई पुलिस की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद गोयल और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक केस दर्ज किया था।