झपट्टा मारने के लिये
फड़फड़ा रहा है बाज़
कबूतरों ने आँखें मूंद ली हैं
शुतुरमुर्गों के सिर
ज़मीन में धँस रहे हैं
मोर आँसू टपका रहे हैं
अपने पाँवों को देख कर
मोरनियाँ कर रही हैं विलाप
कौए व्यस्त हैं
बकवादी बहस में
बगुला भगत
पुरस्कार लेने जा रहे हैं
सुसज्जित
हँस
मोती चुग रहे हैं
अभी
ऐन उसी वक़्त एक चिड़िया
अपने पंख तौल रही है
बैठने को बाज़ की पीठ पर
डॉ टी महादेव राव
विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश)
9394290204