केंद्र के राजस्व में होगा तगड़ा मुनाफा
मुंबई । बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों के अनुसार, क्रिकेट विश्व कप संभावित रूप से भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग 200 बिलियन रुपये (2.4 बिलियन डॉलर) की वृद्धि करेगा है। हर चार साल में होने वाला विश्व कप 5 अक्टूबर से शुरू होकर नवंबर के मध्य तक चलेगा। अर्थशास्त्री जान्हवी प्रभाकर और अदिति गुप्ता ने बताया, टूर्नामेंट को देखने के लिए देश के भीतर और बाहर से बड़ी संख्या में प्रशंसकों के आने की उम्मीद है। 10 शहरों में आयोजित होने वाले मैचों से विशेष रूप से ट्रैवल और होटल सेक्टर्स को बढ़ावा मिलेगा है।
यह इवेंट, जो 2011 के बाद भारत में आयोजित हो रहा है, सितंबर में शुरू हुए तीन महीने के त्यौहारी सीजन के साथ भी मेल खाता है और रिटेल सेक्टर के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा क्योंकि कई लोग त्यौहार को देखकर खरीदारी करने वाले हैं। अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि टेलीविजन और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म दोनों को मिलाकर भारत में टूर्नामेंट के कुल दर्शकों की संख्या 2019 में दर्ज 552 मिलियन को पार कर जाएगी। इसके परिणामस्वरूप टीवी ज्यादातर और स्पॉन्सरशिप रेवेन्यू 10,500 करोड़ रुपये से 12,000 करोड़ रुपये तक हो सकता है।
दूसरी ओर, विश्व कप महंगाई भी बढ़ा सकता है। इस अवधि के दौरान एयरलाइन टिकटों और होटल किराये की कीमतें बढ़ेगी हैं, और 10 मेजबान शहरों में अनौपचारिक सेक्टर में सर्विस चार्ज में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है, जो त्यौहारी सीजन के कारण बढ़ सकती है। अर्थशास्त्री अक्टूबर और नवंबर के लिए समग्र मुद्रास्फीति में 0.15 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत की वृद्धि का सुझाव देते हैं। टूर्नामेंट टिकटों की बिक्री पर टैक्स कलेक्शन और होटल, रेस्तरां और फूड डिलिवरी पर जीएसटी के साथ भारत सरकार के राजस्व को बढ़ावा देगा। जैसा कि अर्थशास्त्रियों ने कहा है, इससे देश को अतिरिक्त राजकोषीय कमाई होगी।