महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच के लिए लोकपाल को चिट्ठी

नई दिल्ली । बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकपाल को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के कार्यों की जांच करने की मांग की है।
दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है- सीबीआई- सीबीआई सुनते-सुनते थक गया हूं। आज लोकपाल को शिकायत दर्ज करा दी। सांसद, मंत्री का भ्रष्टाचार लोकपाल ही देखता है, सीबीआई ही उसका माध्यम है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इससे पहले महुआ मोइत्रा पर पैसों के लिए देश की सुरक्षा को गिरवी रखने का आरोप लगाया था।
एंटी करप्शन अथॉरिटी लोकपाल को दी गई शिकायत में निशिकांत दुबे ने कहा है कि उनके पास सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई का एक पत्र है, जिसमें महुआ मोइत्रा के खिलाफ विस्तृत सबूतों के साथ परेशान करने वाले तथ्य शामिल हैं।
शिकायत में कहा गया है कि, पत्र में देहाद्राई ने विस्तार से बताया है कि कैसे, कब और कहां मोइत्रा ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली। उक्त पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि कैसे महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए भारतीय और विदेशी दोनों मुद्राओं में दर्शन हीरानंदानी से दो करोड़ नकद लिए।
दुबे ने कहा है कि, पत्र में यह भी जिक्र है कि दर्शन हीरानंदानी के पास महुआ मोइत्रा के लोकसभा लॉगिन क्रेडेंशियल तक सीधी पहुंच थी और इसका उपयोग दर्शन हीरानंदानी ने तब किया था जब महुआ मोइत्रा विदेश यात्रा पर थीं।
निशिकांत दुबे ने कहा है कि, देहाद्राई के पत्र में बताया गया है कि कैसे टीएमसी सांसद ने संसद में पैसे के बदले सवाल करके हीरानंदानी के लाभ और व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता के व्यक्तिगत एजेंडे को आगे बढ़ाया है। इसमें 60 मिलियन डॉलर से संबंधित एक खास कानूनी मुद्दे से संबंधित प्रश्न भी शामिल हैं। इसमें एक अज्ञात अपतटीय संपत्ति ट्रस्ट और अन्य लेनदेन से संबंधित सवाल शामिल हैं।
शिकायत में दावा किया गया है कि, 20 अक्टूबर के हलफनामे में हीरानंदानी ने साफ और पूरी तरह स्वीकार किया है कि उन्होंने मोइत्रा की विभिन्न अवैध मांगों को पूरा किया है, जिसमें विभिन्न महंगे उपहार शामिल हैं।
दुबे ने कहा है कि, उक्त बातों से यह साफ हो गया है कि महुआ मोइत्रा भ्रष्ट आचरण में लिप्त थीं, लेकिन यह यहीं तक सीमित नहीं था। इसमें उनका अपने संसदीय विशेषाधिकारों से समझौता करने के लिए उक्त व्यवसायी से रिश्वत लेना और लोकसभा की अपनी लॉगिन क्रेडेंशियल साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करना शामिल था।“