नई दिल्ली । साल 2023 में भूकंप, तूफान, बाढ़, चक्रवात और सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं की वजह से एशिया प्रशांत क्षेत्र में 65 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। एक सर्वे रिपोर्ट में कहा, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बाढ़ और सूखे से भारी आर्थिक नुकसान होने की बात कही गई है। चीन में बाढ़ और भारत में सूखे से हुए नुकसान का अनुमान 65 बिलियन (करीब 5.20 लाख करोड़ रुपये) लगाया गया है, जो 21वीं सदी के औसत से 48 प्रतिशत कम है। चीन में, बाढ़ ने जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है, जबकि भारत में सूखे ने कृषि और जल संसाधनों को नुकसान पहुंचाया है। इस क्षेत्र में बीमा कवरेज बहुत कम है। 91 प्रतिशत नुकसान का बीमा नहीं था, जिसका अर्थ है कि बीमा कंपनियों ने सिर्फ 6 बिलियन (करीब 48,000 करोड़ रुपये) का भुगतान किया। यह 21वीं सदी के औसत 15 बिलियन (करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये) से भी कम है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में 398 प्राकृतिक आपदाएं आईं, जिससे 380 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ। यह 2022 में हुए नुकसान से 7 प्रतिशत अधिक है और 21वीं सदी के औसत से 22 प्रतिशत अधिक है। इन आपदाओं में भूकंप, सुनामी, बाढ़, तूफान और सूखा शामिल थे। अमेरिका और यूरोप में लगातार गंभीर संवहनी तूफान आए, जिससे भारी नुकसान हुआ।
2024 जलवायु और आपदा रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बाढ़ एक गंभीर खतरा बनी हुई है। 2010 से हर साल बाढ़ से होने वाला नुकसान 30 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में बाढ़ से होने वाला नुकसान सबसे महंगा था, जो कुल नुकसान का 64 प्रतिशत से अधिक था। 2023 में एशिया प्रशांत क्षेत्र में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई।
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में बाढ़ से होने वाला कुल नुकसान 32 बिलियन से अधिक था। चीन में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां 32 बिलियन से अधिक का आर्थिक नुकसान और 1.4 बिलियन का बीमाकृत नुकसान हुआ। हांगकांग, दक्षिण कोरिया, भारत और पाकिस्तान में भी 2023 में रिकॉर्ड बारिश हुई। दक्षिण एशिया में बाढ़ (पाकिस्तान और भारत) के परिणामस्वरूप लगभग 2,900 लोगों की मृत्यु हुई। यह चिंताजनक है कि बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान उन क्षेत्रों में हुआ जहां लोगों के पास बीमा नहीं है।