नर्सिंग घोटाले के सामने बौना हैं व्यापमं घोटाला: पारस सकलेचा

एमपीएमएसयू प्रबंधन और कॉलेज प्रबंधकों पर हजारों करोड़ की छात्रवृत्ति डकारने का आरोप
जबलपुर । कांग्रेस नेता व व्यापमं मामले के व्हिसल ब्लोअर पारस सकलेचा ने यह बात कहकर प्रदेश के राजनीतिक और शैक्षणिक हलकों में तूफान खड़ा कर दिया हैं कि व्यापमं घोटाले से कहीं बड़ा घोटाला नर्सिंग घोटाला हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में कथित तौर पर 50 हजार करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला हुआ हैं। इस राशि को डकार जाने का आरोप उन्होंने मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (एमपीएमएसयू) प्रबंधन और निजी कॉलेज प्रबंधकों के साथ अन्य पर लगाया। एक साक्षात्कार में श्री सकलेचा ने कहा कि हजारों विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन देकर उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति अब भी हड़पी जा रही है। उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आखिर सभी घोटाले चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही क्यों जुड़े हैं?
बोगस विद्यार्थियों के नाम पर घोटाला
श्री सकलेचा ने आरोप लगाया कि छात्रवृत्ति घोटाला करने के लिए ही नर्सिंग कॉलेज खोले गए। नर्सिंग और पैरामेडिकल की करीब 1 लाख 20 हजार सीटें हैं। जिसमें 70 से 80 हजार बोगस (फर्जी) छात्रों को एडमिशन देकर छात्रवृत्ति घोटाला किया जा रहा है। इन फर्जी विद्यार्थियों के नाम पर जारी छात्रवृत्ति की राशि 30 से 50 हजार करोड़ से भी अधिक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में छात्रवृत्ति का यह घोटाला 2017 से जारी है। जो कि व्यापमं पार्ट 2 से भी बड़ा है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार
नर्सिंग घोटाले के विषय में श्री सकलेचा ने कहा कि इस घोटाले में कथित तौर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह जिम्मेदार हंै। नर्सिंग और पैरामेडिकल दोनों के ही हजारों छात्रों को फर्जी एडमिशन देकर उनके नाम पर जारी छात्रवृत्ति हड़पी जा रही है।
जांच में गड़बड़ी के चलते बाहर आया व्यापमं का जिन्न
नर्सिंग कॉलेज घोटाले हाल ही में सीबीआई जांच में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी एवं मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग के संचालकों की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर प्रदेश में व्यापम घोटाले का जिन्न बाहर निकल आया है। व्यापमं मामले के व्हिसल ब्लोअर रहे श्री सकलेचा ने कहा कि जिस तरह नर्सिंग कॉलेज घोटाले के मामले में सीबीआई की जांच में गड़बड़ी की गई, इसी तरह की गड़बड़ी व्यापमं मामले की सीबीआई जांच में भी हुई है।
भाजपा पर भी लगाया निशाना
श्री सकलेचा ने सवाल उठाया कि 2010 से लेकर अब तक व्यापमं, पैरामेडिकल, छात्रवृत्ति घोटाला और नर्सिंग कॉलेज घोटाला जैसे सभी घोटाले चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही क्यों जुड़े हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश की भाजपा सरकार ने इस विभाग को कथित तौर पर घोटालों का विभाग बना दिया है। उन्होंने इस मामले में सीबीआई जांच पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापमं और नर्सिंग की जांच के दौरान सीबीआई ने एक भी प्रेस नोट जारी कर पारदर्शिता नहीं रखी जबकि यह मामला आम लोगों, सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकारों ने हाई कोर्ट के संज्ञान में लाया था। जिन्हें जांच के बारे में अब तक कुछ भी नहीं बताया गया।