आज बच्चों में विज्ञान और अंतरिक्ष को लेकर नई जिज्ञासा पैदा हुई

पीएम मोदी ने मन की बात में इंस्पायर मानक योजना का किया जिक्र
नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के 124वें एपिसोड में अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला की वापसी को गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों में विज्ञान, अंतरिक्ष को लेकर एक नई जिज्ञासा पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में, चाहे वह खेल हो, विज्ञान हो या संस्कृति, बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिस पर हर भारतीय को गर्व है। हाल ही में अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला धरती पर उतरे, लोग खुशी से उछल पड़े। पूरा देश गर्व से भर गया।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे याद है जब अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हुई थी, तो देश में एक नया माहौल था। बच्चों में भी विज्ञान और अंतरिक्ष को लेकर एक नई जिज्ञासा पैदा हुई थी। छोटे-छोटे बच्चे अब कहते हैं कि हम भी अंतरिक्ष में जाएंगे, चांद पर उतरेंगे और हम वैज्ञानिक बनेंगे। इंस्पायर मानक योजना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस अभियान का नाम तो सुना ही होगा। यह बच्चों में नवाचार को बढ़ावा देने का अभियान है। इसमें हर स्कूल से पांच बच्चे चुने जाते हैं। हर बच्चा एक नया विचार लेकर आता है। अब तक लाखों बच्चे इससे जुड़ चुके हैं और चंद्रयान-3 के बाद इनकी संख्या दोगुनी हो गई है।
उन्होंने कहा कि देश में अंतरिक्ष स्टार्टअप भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पांच साल पहले, 50 से भी कम स्टार्टअप थे। आज सिर्फ अंतरिक्ष क्षेत्र में ही 200 से ज्यादा स्टार्टअप हैं। राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि अगले महीने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस-डे है। आप इसे कैसे मनाएंगे? क्या आपके पास कोई नया आइडिया है? अगर है तो मुझे नमो ऐप पर संदेश जरूर भेजें।
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में विज्ञान नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। कुछ दिन पहले हमारे छात्रों ने इंटरनेशनल केमिस्ट्री ओलंपियाड में पदक जीते। देवेश पंकज, संदीप कुची, देबदत्त प्रियदर्शी और उज्ज्वल केसरी ने देश का नाम रोशन किया। गणित की दुनिया में भी भारत ने अपनी छवि मजबूत की है। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में हमारे छात्रों ने 3 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीता है। उन्होंने कहा कि अगले महीने मुंबई में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड होने वाला है। इसमें 60 से ज़्यादा देशों के छात्र भाग लेंगे। वैज्ञानिक भी होंगे। यह अब तक का सबसे बड़ा ओलंपियाड होगा। एक तरह से भारत अब ओलंपिक और ओलंपियाड दोनों के लिए आगे बढ़ रहा है।