अवैध संबधो में रोड़ा बने पति की हत्यारिन पत्नि और प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा

प्रैमी ने लाठी मारी और रस्सी से गला दबाया, पत्नि ने हथौड़ी से वार कर फोड़ दिया था पति का सिर
भोपाल । राजधानी भोपाल के कटारा हिल्स इलाके में साल 2021 में पत्नि संगीता मीणा द्वारा अपने प्रेमी आशीष पांडे के साथ मिलकर अपने पति धनराज मीणा की हत्या किये जाने के हाईप्रोफाइल मामले में आरोपी पत्नि ओर उसकी प्रमिका को आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किये जाने का फैसला सुनाया है। यह फैसला सुनवाई पूरी होने पर प्रधान सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्र की कोर्ट ने दोनो को दोषी करार देते हुए सुनाया है। प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुधाविजय सिंह भदौरिया द्वारा की गई है। विशेष लोकअभियोजक से मिली जानकारी के अनुसार आरोपिया संगीता मीणा (38) की शादी साल 2006 में ग्राम होलीपुरा तहसील बुधनी जिला सिहोर के धनराज मीणा के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे बेटा आयुष (14) और बेटी सोनम (11) है। ग्राम टीलातोड़ी जिला सीहोर का रहने वाला धनराज मीणा (39) पेशे से खेती-किसानी के साथ ही एग्रीकल्चर पार्टस बेचने का काम करता था। अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिये साल 2014 से वह पत्नी संगीता और बच्चो के साथ कटारा हिल्स क्षेत्र स्थित गोल्डनपाम अपार्टमेंट में रहने लगा था। साल 2015 मे कोरोना काल के दौरान संगीता की पहचान सोसायटी में ही परिवार सहित रहने वाले आशीष पांडे से हुई थी। मूल रुप से शिवपुरी का रहने वाला आशीष पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था, और विवाहित होने के साथ उसका भी एक बच्चा है। उसकी पत्नि निजी स्कूल में टीचर है। उस समय आशीष वर्क फ्रॉम होम कर रहा था। जल्द ही संगीता और आशीष की पहचान बढ़ गई और वह उसके घर आने जाने लगा। बाद में संगीता पति के न होने पर आशीष को घर बुलाकर उससे मिलने लगी। एक दिन पति को उनके अवैध संबधो की भनक लग गई। इसके बाद पति-पत्नि के बीच झगड़े होने शुरु हो गए। पति के शक करने और रोज झगडा करने के कारण संगीता और आशीष मिल नहीं पा रहे थे। बाद में धनराज ने कहा कि वह यह घर छोड़कर दूसरी जगह जाकर रहेगा। संगीता समझ गई की अब उसके आशीष से संबध समाप्त हो जायेंगे। इसलिए 6 दिसंबर 2021 की शाम को पति धनराज के घर न होने पर उसने आशीष से बात कर पति धनराज को जान से खत्म करने का प्लान बनाया। आशीष ने संगीता से कहा कि वह उसे नीद की गोलियां दे देगा। यह गोलियां किसी तरह अपने पति को खिला देना और जब तुम्हारा पति गहरी नींद में हो उस समय उसकी हत्या करके उसकी लाश को कही फेक देगे। अशीष ने संगीता को नीद की गोलिया दे दी, रात करीब 9 बजे संगीता ने नींद की गोलियो को अपने पति को काढे में मिला कर पिला दी। इसके बाद पति धनराज गहरी नींद में सो गया। वहीं दूसरे कमरे में उसके दोनो बच्चे और छोटी बहन शोभा सो गई थी, संगीता ने उस कमरे के दरवाजा को बाहर से बंद कर दिया। पति के गहरी नींद में सो जाने पर रात करीब 2 बजे प्लान के मुताबिक आशीष अपनी पत्नि से नाईट शिफ्ट में काम पर जाने का कहकर एक बड़ी सी बोरी और लाठी लेकर संगीता के घर आ गया। संगीता ने घर का दरवाजा खोलकर रखा हुआ था। कमरे में आकर आशीष ने पलंग पर सो रहे धनराज के सिर पर पूरी ताकत से लाठी का वार किया। चोटं लगने पर पति धनराज के शरीर में हलचल होने लगी और वह छटपटाते हुए खडा होने की कोशिश करने लगा। इस पर आशीश ने उस पर लाठी से वार किये इसी दौरान पत्नि संगीता ने कमरे में रखी हथौड़ी उठाई और अपने पति धनराज के सिर पर लगातार वार करना शुरू कर दिए। धनराज के सिर से खून का फव्वारा निकलर फर्श और दीवारो पर फैल गया। इसके बाद अधमरे धनराज को पकड़कर प्रेमी आशीष ने साथ लाए रस्सी से उसका गला दबा दिया। पति धनराज की मौत के बाद पत्नि संगीता और प्रेमी ने कमरे का खून चाँदर से साफ किया और पति की लाश को कम्बल में लपेट कर मेरे घर के नीचे खडी पति की ही स्विफ्ट डिजायर कार की डिग्गी में छिपा दिया।दोनो योजना के मुताबिक लाश को ठिकाने लगाने के लिये सुबह करीब 9 बजे कार से बाबडिया तरफ से कोलार डेम चले गये। करीब पॉच घंटो तक भटकने के बाद भी उन्हें धनराज की लाश ठिकाने लगाने की सही जगह नहीं मिल सकी। इसके बाद दोनो ने विचार किया कि एक ना एक दिन वह इस हत्या के केस मे पकड़े जाएगे तो क्यो ना आज ही पुलिस को चलकर सारी बात देते है। इसके बाद संगीता ओर आशीष लाश को लेकर कार से थाना कटारा पहुंचे और पुलिस को सारी घटना बता दी। लोक अभियोजक सुधाविजय सिंह भदौरिया ने बताया की सुनवाई के दौरान पेश किये गए इलेक्ट्रानिक सहित अन्य भौतिक साक्ष्यो सहित डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव आने और विशेष लोक अभियोजक के तर्को से सहमत होते हुए कोर्ट ने आरोपियो को दोषी करार दिया है। न्यायालय ने आरोपी पत्नि संगीता मीणा और उसके प्रेमी आशीष पांडे को धनराज मीणा की हत्या के मामले धारा 302 मे आजीवन कारावास एवं 1-1 हजार रूपये के अर्थदण्ड एवं धारा 201 में 3-3 साल का सश्रम कारावास एवं पॉच-पॉच सौ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित करने का फैसला सुनाया है।