नई दिल्ली । भारोत्तोलक मीराबाई चानू की नजरें अब आगामी पेरिस ओलंपिक खेलों पर लगी हुई हैं। चानू ने पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता था और इस बार उनका लक्ष्य स्वर्ण जीतना रहेगा। इसी कारण हालत से तालमेल बिठाने के साथ ही अभ्यास के लिए सात जुलाई को पेरिस जा रही है। वह वहां एक महीने तक अभ्यास करेंगे। ओलंपिक में उनका मुकाबला सात अगस्त को होगा।
चानू ने कहा कि वह इन खेलों में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार हैं। वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली भारत की अकेली भारोत्तोलक है। 49 किग्रा वजन वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली यह खिलाड़ी पदक के सपने को पूरा करने के लिए अपनी फिटनेस बनाये रखने पर ध्यान दे रही हैं।
इस खिलाड़ी ने कहा, ‘पेरिस को लेकर उत्साहित हूं हालांकि थोड़ी घबराहट और तनाव भी है। पिछले तीन साल टोतोक्यो ओलंपिक के बाद हालात बदल गये हैं। भारत के लिए पदक जीतने का दबाव है पर अगर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सफल रही तो देश के लिए पदक जीत सकती हूं।
चानू का स्नैच में व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 88 किग्रा तथा क्लीन एवं जर्क में 119 किग्रा का रहा है। वह चोटों के साथ ही पीठ की समस्या के बाद भी इन खेलों की तैयारी करती रही हैं। एशियाई खेलों में वह कूल्हे की चोट से परेशान थीं जिसके कारण् वह पांच महीने तक खेल से दूर रहीं। चोटों से उबरना उनकी बड़ी चुनौती रही है। उन्होंने कहा कि वह धीरे-धीरे वजन उठाने की क्षमता को बढ़ा रही है।
मीराबाई ने कहा, ‘मैं धीरे-धीरे वजन उठाने की अपनी क्षमता को बढ़ा रही हूं। अभी मैंने 80-85 फीसदी फिटनेस हासिल कर ली है और अभ्यास के दौरान स्नैच में 70 से 80 किग्रा तथा क्लीन एवं जर्क में 100 से 110 किग्रा का भार उठा रही हूं। हम इसे धीरे-धीरे बढ़ाएंगे। उन्होंने अपने भार उठाने के लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘इस बारे में कुछ कहना कठिन पर मेरी कोशिश स्नैच में 90 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में पहले से बेहतर प्रयास करना रहेगा।