पीएम मोदी के रुस दौरे से पहले उठी मास्को में भव्य मंदिर बनाने की मांग

प्रधानमंत्री 8 जुलाई को रूस के दौरे पर, राष्ट्रपति पुतिन से करेंगे मुलाकात
नई दिल्ली । रुस और यूक्रेन जंग के बीच पीएम नरेंद्र मोदी 8 जुलाई को रूस के दौरे पर जा रहे हैं। पीएम वहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करेंगे। पीएम मोदी के इस दौरे को भारत-रूस संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। इस बीच वहां रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों ने मांग की है कि वह मास्को में एक हिन्दू मंदिर बनाना चाहते हैं। भारत और नेपाल में हिन्दू आबादी बहुसंख्यक है। रुस में बहुसंख्यक आबादी ईसाई की होने के बावजूद कुछ जगहों पर छोटे मंदिर बनाए गए हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से सामुदायिक केंद्र की तरह ही काम करते हैं। ऐसे में अब राजधानी मॉस्को में मंदिर बनाने की मांग तेज़ होने लगी है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी के रूस दौरे से पहले वहां इंडियन बिजनेस अलायंस और इंडियन नेशनल कल्चरल सेंटर ने भव्य हिन्दू मंदिर बनाने को लेकर बैठक की। इस समूह के अध्यक्ष ने कहा कि मॉस्को में बनने वाला ये हिंदू मंदिर न केवल भारतीयों के लिए एकता और आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि भारत-रूस के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक भी बनेगा। इससे पहले पीएम मोदी ने इस साल 14 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था। यह मंदिर यूएई द्वारा दी जमीन पर बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान ने बनाया था। यह मंदिर भले ही हिंदू धर्म का है, लेकिन इसमें मुस्लिम, जैन और बौध धर्म के लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।
27 एकड़ जमीन में फैले इस मंदिर के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाह्यान ने जमीन दान में दी थी। जो करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस मंदिर के मुख्य आर्किटेक्ट ईसाई थे, जब इस प्रोजेक्ट के मैनेजर सिख समुदाय, डिजाइनर बौद्ध थे. इस मंदिर को बनाने वाली कंपनी पारसी की थी, जिसके डायरेक्टर जैन समुदाय से थे।