वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन अपनी कुछ चूक के कारण आलोचना के घेरे में आ गए। बाइडन ने जब पीएम मोदी का परिचय दिया, तब उन्होंने उनका नाम ही भूल गए, जो उनकी भूलभुलैया में एक नया अध्याय जोड़ता है। इससे भी महत्वपूर्ण, बैठक के दौरान उनकी एक टिप्पणी ने चीन को चौकन्ना कर दिया। बाइडन ने कहा, चीन दुनिया के हर कोने में क्वाड देशों का इम्तहान ले रहा है, यह बात उन्होंने धीमी आवाज में फुसफुसाते हुए कही, लेकिन माइक ऑन रहने के कारण यह सभी ने सुन ली।
बाइडन की टिप्पणियों ने चीन को भड़काने का काम किया। चीन की सरकारी मीडिया ने क्वाड पर फूट डालो और राज करो की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया, जो कि बीजिंग और उसके पड़ोसियों के बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश बताई गई। कुल मिलाकर, यह क्वाड बैठक न केवल अमेरिकी-चीन संबंधों में तनाव बढ़ाने वाली रही, बल्कि इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति भी मजबूत हुई है।बाइडन की यह टिप्पणी अमेरिका की चीन के प्रति गंभीरता को दर्शाती है। उन्होंने कहा, चीन लगातार आक्रामक व्यवहार कर रहा है और कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हमारा इम्तहान ले रहा है। उनका यह बयान चीन के उभरते खतरे के प्रति अमेरिकी प्रशासन की चिंता को स्पष्ट करता है।इस क्वाड समिट में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भी शामिल हुए। मोदी ने बैठक में स्पष्ट किया कि क्वाड किसी देश के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान करने के सपोर्ट में हैं। हालांकि मोदी ने सीधे किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट था।