साथ तेरे जब से मैं आया गया।
गीत मेरा हर जगह गाया गया।
फैसला हक़ में न फरमाया गया।
हर तरह से खूब बहकाया गया।
उंगलियाँ जज़ पर उठाता है वही,
हक़ ब जानिब जो न ठहराया गया।
मारता था ठोकरें जो कल तलक,
ठोकरों में आज वो पाया गया।
हम क़दम था ऱौशनी में हर क़दम,
तीरगी में छोड़ कर साया गया।
हमीद कानपुरी
(अब्दुल हमीद इदरीसी)
179, मीरपुर , कैण्ट, कानपुर- 208004
वरिष्ठ प्रबन्धक, सेवानिवृत,
पंजाब नेशनल बैंक,
मण्डल कार्यालय,
बिरहाना रोड कानपुर।
9795772415