राष्ट्रपति ने नई दिल्ली में गुजरात को जल प्रबंधन क्षेत्र में अवॉर्ड से सम्मानित किया गया

अहमदाबाद | नई दिल्ली में मंगलवार को आयोजित ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के करकमलों द्वारा गुजरात और पुडुचेरी को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में देश में संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल करने के लिए अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, जो पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व और जल संसाधन मंत्री कुंवरजी बावलिया एवं राज्य मंत्री मुकेश पटेल के मार्गदर्शन में गुजरात ने ‘जल ही जीवन है’ मंत्र को सच्चे अर्थ में साकार किया है। गुजरात, जो कभी जल की कमी वाले राज्य के रूप में जाना जाता था, आज जल सुरक्षित राज्य के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। गुजरात सरकार ने राज्य के हर कोने तक शुद्ध पानी पहुंचाने के साथ-साथ राज्य में कुशल जल प्रबंधन प्रथाओं को प्राथमिकता के साथ लागू किया है। इस अवॉर्ड के लिए केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) और केंद्रीय भूजल बोर्ड (सीजीडब्ल्यूबी) द्वारा गहन मूल्यांकन और जमीनी सत्यापन करने के बाद सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में ओडिशा ने पहला, उत्तर प्रदेश ने दूसरा और गुजरात एवं पुडुचेरी ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। आज नई दिल्ली में आयोजित ‘राष्ट्रीय जल पुरस्कार’ समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की उपस्थिति में गुजरात सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव पी.सी. व्यास को यह अवॉर्ड प्रदान किया।
सुदृढ़ जल प्रबंधन के लिए गुजरात द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में अनेक नई और सफल परियोजनाएं शुरू की हैं। जिनमें सुजलाम सुफलाम जल अभियान के तहत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 से अधिक जल संरक्षण और रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं को क्रियान्वित किया गया है। इसके साथ ही, जल संरक्षण के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए अनुमानित 800 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के अंतर्गत सिंचाई क्षमता में वृद्धि करने के लिए 2.8 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का विस्तार किया गया है। इतना ही नहीं, पीएमकेएसवाई के तहत टपक और फव्वारा सिंचाई पद्धति के लिए अनुमानित 500 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया गया है। पीएमकेएसवाई तथा मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना के तहत की गई पहलों के चलते पानी की खपत में लगभग 20 फीसदी की कमी हुई है, जबकि कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। राज्य में जल कुशल टेक्नोलॉजी और खेडूत तालीम कार्यक्रम (किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम) के लिए 1 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। राज्य संचालित कार्यक्रमों के तहत क्षमता निर्माण और संसाधन प्रबंधन के लिए 200 करोड़ रुपये के बजट के साथ 1,200 गांवों में जल उपयोगकर्ता संघों का गठन किया गया है।
इसके अलावा, राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जलापूर्ति प्रबंधन के लिए ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत राज्य के 90 फीसदी ग्रामीण घरों में 3500 करोड़ रुपए के खर्च से नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। योजना के तहत वर्ष 2025 तक 100 फीसदी घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य है। अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) जैसी योजनाओं के अंतर्गत 2000 करोड़ रुपए के खर्च से 100 फीसदी शहरी क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। वहीं, भूगर्भ जल प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत 150 करोड़ रुपए के अनुमानित खर्च से अति दोहित क्षेत्र (ओवर-एक्सप्लोइटेड जोन) में 200 भूगर्भ जल रिचार्ज कुओं का विकास भी किया गया है। इसके अलावा, ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के अंतर्गत जल शुद्धिकरण परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपए आवंटित कर 500 से अधिक गांवों में जल गुणवत्ता में सुधार किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जल शोधन परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित कर 500 से अधिक गांवों में जल की गुणवत्ता में सुधार किया गया।
गुजरात की जीवन रेखा कहे जाने वाले सरदार सरोवर बांध के माध्यम से मां नर्मदा का जल पूरे राज्य में पीने और सिंचाई के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएनएल) की सहायक कंपनी गुजरात ग्रीन रिवोल्यूशन कंपनी (जीजीआरसी) ने आधुनिक सिंचाई पद्धतियों को अपनाने में मदद की है, जिससे किसानों के बीच जल उपयोग दक्षता में और वृद्धि हुई है। जल संसाधन विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात पूरे देश में जल संसाधान के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का उपयोग करने में अग्रणी है। इन प्रयासों ने जल संरक्षण, आपूर्ति प्रबंधन और कृषि उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार किया है। इसके परिणामस्वरूप गुजरात राष्ट्रीय जल पुरस्कार में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक बना है।