रामलला के मंदिर में लगाए गए कमजोर पत्थरों को बदला जाएगा,श्रमिकों का टोटा होने से निर्माण कार्ये में होगा बिलंब

अयोध्या(ईएमएस)। रामलला मंदिर के निर्माण में कई तरह की खामियां सामने आ रहीं हैं। यहां जो पत्थर लगाए गए है वे काफी कमजोर हैं। अब उन्हे हटाकर उनकी जगह दूसरे मजबूत पत्थर लगाए जाना है। इसके लिए करीब 200 मजदूरों की जरुरत है और श्रमिक मिल नहीं रहे हैं। ऐसे में जून 2025 तक मंदिर निर्माण कार्य पूरा होना संभव नहीं हैं। भवन निर्माण समिति के मुताबिक राम मंदिर में लगभग 200 से ज्यादा मजदूरों की कमी है। तो वहीं राम मंदिर के प्रथम तल पर लगे पत्थर में भी कमी पाई गई है।
राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के निकट जूता और चप्पल रखने के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है और इसी हफ्ते से वहां पर निर्माण कर भी शुरू हो जाएगा। इसके अलावा आज की बैठक में प्रमुख रूप से कई बिंदुओं पर चर्चा हुई है। राम मंदिर का पूरी तरह से निर्माण अब जून-2025 तक नहीं हो पाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि फर्स्ट फ्लोर पर लगे कुछ पत्थर कमजोर दिख रहे हैं, उनकी मोटाई कम है। उनकी जगह अब मकराना पत्थर लगाए जाएंगे। साथ ही 200 मजदूर कम पड़ गए हैं। इसलिए निर्माण में देरी हो रही है। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि रामलला के परकोटे की लंबाई लगभग 1 किलोमीटर है जिसमें 8.5 लाख घन फीट पत्थरों का इस्तेमाल होगा। वंशी पहाड़पुर के लाल पत्थर अयोध्या आ गए हैं लेकिन, 200 मजदूर कम पड़ गए हैं। इसलिए निर्माण में देरी हो रही है। राम मंदिर निर्माण का लक्ष्य जून 2025 रखा गया था अब लगभग तीन माह का और अधिक समय लगेगा।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि जयपुर में राम दरबार समेत परकोटे में लगाए जाने वाली मूर्तियों का निर्माण हो रहा है। मूर्तियों का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। मूर्तियां भी दिसंबर के अंत तक अयोध्या आ जाएगी। इसके बाद फैसला मंदिर निर्माण समिति यह तय करेगी की इन मूर्तियों को कहां स्थापित किया जाएगा। भगवान राम की दो मूर्तियां, जिन्हें न्यास स्वीकार कर चुका है, उन्हें भी उपयुक्त स्थान दिया जाएगा। इसका फैसला जल्द होगा। इसके अलावा राम मंदिर में कुल 44 भव्य और बड़े दरवाजे भी होंगे।