फडणवीस-अजित और शिंदे दिल्ली पहुंचे, झारखंड में इंडिया गठबंधन सरकार की शपथ 28 को
महाराष्ट्र में 1 सीएम, 2 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला, हेमंत दूसरी बार सीएम बनेंगे
मुंबई । महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब साफ हो गया है कि राज्य में महायुति की सरकार बनेगी। महायुति से सीएम पद के उम्मीदवार की अभी तक घोषणा नहीं हुई है। सरकार का चेहरा यानी मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार रविवार शाम को दिल्ली पहुंचेे। भाजपा आलाकमान के साथ मीटिंग के बाद सीएम के नाम का ऐलान हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय हुआ है। महायुति की पार्टियों में हर 6-7 विधायक पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला भी फाइनल हुआ है। इस हिसाब से भाजपा के 22-24, शिंदे गुट के10-12 और अजित गुट के 8-10 विधायक मंत्री बन सकते हैं। वहीं झारखंड में हेमंत सोरेन 28 नवंबर को सीएम की शपथ लेंगे। विधायक दल के नेता चुने गए। झारखंड में लगातार दूसरी बार सीएम बनने वाले पहले नेता बनेंगे हेमंत सोरेन।
झारखंड में इंडिया ब्लॉक की दोबारा सरकार बनेगी। रविवार को इंडिया गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई। इसमें हेमंत सोरेन विधायक दल के नेता चुन लिए गए। इसके बाद उन्होंने राजभवन जाकर सीएम पद से इस्तीफा दिया और नई सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्य गठन के बाद पहली बार है जब सरकार रिपीट हुई है। अब तक हर चुनाव में सरकार बदल जाती थी। राजभवन के बाहर पत्रकारों के साथ बातचीत में हेमंत सोरेन ने कहा- राज्यपाल संतोष गंगवार ने कार्यवाहक सीएम नियुक्त किया है। शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को होगा। सूत्रों के अनुसार, गठबंधन 5 विधायक पर एक मंत्री पद का फॉर्मूला तय कर सकता है। इसमें झामुमो को 6, कांग्रेस को 1 और राजद को 1 मंत्री पद मिल सकता है। शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव शामिल हो सकते हैं।
मंत्री के लिए इनके नामों की चर्चा
सूत्रों के अनुसार, नई सरकार में चाईबासा विधायक दीपक बिरुवा और घाटशिला से जीते रामदास सोरेन का दोबारा मंत्री बनना तय माना जा रहा है। इसके अलावा महतो वोट बैंक को साधने के लिए मथुरा महतो को शामिल किया जा सकता है। झामुमो अल्पसंख्यक कोटे से हफीजुल हसन और एमटी राजा में से किसी को मंत्री बना सकती है। हफीजुल पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। पार्टी क्षेत्रीय संतुलन को साधन के लिए संथाल परगना और उत्तरी छोटानागपुर से किसी को मंत्री बना सकती है। वहीं, कांग्रेस में अल्पसंख्यक कोटे से एकमात्र विधायक इरफान अंसारी जीते हैं। उनकी दोबारा लॉटरी लग सकती है। दूसरा नाम रामेश्वर उरांव को हो सकता है। उरांव पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे। वह हेमंत कैबिनेट के सबसे अमीर मंत्री भी थे। कांग्रेस प्रदीप यादव और दीपिका पांडेय सिंह में से किसी एक को मंत्री बना सकती है। जबकि, राजद की तरफ से संजय प्रसाद यादव और संजय कुमार यादव में से किसी एक का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
अजित पवार विधायक दल के नेता चुने गए
एनसीपी अजित गुट की मुंबई के देवगिरी बंगले में विधायक दल की मीटिंग हुई। इसमें अजित पवार को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है। अजित पवार शाम को दिल्ली जाकर गठबंधन के सहयोगियों से सरकार गठन को लेकर चर्चा करेंगे।
एनसीपी ने ठोका सीएम पद पर दावा
महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे आने के बाद इस बात पर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है कि सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इसी बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के नेताओं की मीटिंग हुई। बैठक के बाद एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा, आज हमारे सभी विधायक बैठक में आए, कई परिषद सदस्य भी आए और सभी ने तय किया है कि अजित पवार विधानसभा में हमारा नेतृत्व करेंगे। लेकिन सीएम कौन होगा, तीनों पार्टियां मिलकर तय करेंगी। उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां एक साथ बैठकर तय करेंगी कि हमारा नेता कौन होगा। अजित पवार भी सीएम बन सकते हैं, उनका स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है।
पहली बार महाराष्ट्र विस में कोई नेता विपक्ष नहीं होगा
महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने 80 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया, तो भाजपा ने 132 सीटें जीतकर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी अपने दम पर बहुमत से सिर्फ 13 सीटें कम है। सहयोगी शिवसेना की 57, एनसीपी (अजीत) की 41 व तीन छोटे सहयोगियों की चार सीटों के साथ महायुति ने 288 में से 234 सीटों पर बंपर जीत हासिल की है। कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को झटका लगा, वह सिर्फ 50 सीटों पर सिमट गया। शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गजों को पटखनी देकर महायुति ने सात माह पहले आम चुनाव में मिली हार का बदला ले लिया। कांग्रेस के कई बड़े मोहरे धराशाई हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, बाला साहेब थोराट जैसे कांग्रेस के दिग्गज नेता अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत विलासराव देशमुख के दो बेटों में एक धीरज देशमुख को हार का सामना करना पड़ा, जबकि अमित कड़े मुकाबले में जीते। उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे भी कड़े संघर्ष में ही जीत पाए। उद्धव की शिवसेना जिसने पिछली बार 16 सीटें अकेले मुंबई में जीती थीं, वह पूरे प्रदेश में वह 20 पर ही सिमट गई। शरद पवार 2019 की तरह किंगमेकर बनने का ख्वाब देख रहे थे, जो बिखर गया। दिवंगत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी का बेटा जीशान व राज ठाकरे का बेटा अमित भी चुनाव हार गए।