विश्व मधुमेह दिवस होता है जिसका उददेश्य मधुमेह के प्रति जागरूकता तथा शिक्षा बढाना है। वर्तमान में विश्व भर में 425 मिलियन लोग मधुमेह से प्रभावित है जिसमें से 2017 के अनुसार 72.9 मिलियन से अधिक केस भारत में है, इनमें से अधिकांश में टाइप 2 का मधुमेह है और इससे कार्डियोवेस्कुलर रोग तथा इसकी जटिलताओं के जोखिम में वृद्वि होती है। हाल ही में इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन द्वारा टाइप 2 के 12000 लोगों पर कराए गये एक सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ कि तीन में से 2 लोगों में कार्डियोवेस्क्यूलर जोखिम तत्व पाये गये, हांलाकि एक चैथाई ने कहा कि उन्होनें कभी भी अपने चिकित्सक से कार्डियोवेस्क्यूलर जोखिम तत्वों से जिक्र नहीं किया या उन्हें याद नहीं कि उन्होनें कभी जिक्र किया।
टाइप 2 मधुमेह वाले 33 चीनी प्रतिभागियों के बीच एक और अध्ययन में, जिन्होंने हदय को स्वस्थ आहार खाया, इन पर रक्त शर्करा के स्तर और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी कारकों के रखरखाव पर एक दिन में 60 ग्राम बादाम शामिल करने के प्रभाव को देखा गया। बादाम आहार ने कुल बेहतर पोषण प्रदान किया गुणवत्ता, न तो बादाम या बादाम के बिना आहार से रक्त शर्करा स्तर में सुधार हुआ , ना ही उम्मीद के अनुसार अधिकांश कार्डियोवेस्कुलर जोखिम के कारकों में। हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिभागियों के एक उप-समूह में जिनके पास काफी अच्छी तरह से नियंत्रित टाइप 2 मधुमेह था, बादाम आहार ने फास्टिंग सिरम ग्लूकोज स्तर (जो फास्टिंग के बाद क रक्त शर्करा के स्तर को मापता है ) में 6 प्रतिशत की कमी पाई गई , ऑमन्ड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा वित्तपोषित अध्ययनों में यह दर्शाया गया कि अपने स्वस्थ आहार में बादाम को शामिल करके टाइप 2 डायबिटीज के लोगों में कार्डियोवेस्कुलर लाभ की क्षमता है।