इन्दौर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ में मप्र हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेशकुमार कैत व जस्टिस विवेक रुसिया की डिवीजन बेंच ने साल 2019 से लम्बित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते याचिका में उठाए सवालों का इन्दौर नगर निगम को बिंदुवार जवाब देने के आदेश के साथ कहा कि इस याचिका की अंतिम सुनवाई अगले साल जनवरी के प्रथम सप्ताह में की जाएगी। याचिका सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोड़वानी ने दायर की थी जो कि वर्ष 2019 से विचाराधीन है। याचिका में शहर की योजनाओं पर पांच हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं किंतु गलत आंकलन के कारण सारी योजनाएं फेल हो गई हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि दो तीन इंच बारिश में ही शहर की सड़कें डूब जाती हैं। इस मुद्दे को मुख्य रूप से उठाया गया है। याचिका पर कोर्ट सुनवाई में कोडवाणी ने स्वयं पैरवी करते हुए तर्क रखते हुए कोर्ट बताया कि शहर की सिवरेज, सड़क सहित विभिन्न योजनाओं पर जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनआरयूएम) के तहत गत 22 वर्ष में पांच हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं किंतु सारी योजनाएं फेल ही रही है। इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि शहर में दो तीन इंच बारिश में ही सड़कें डूब जाती हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि शहर की जनसंख्या का आंकलन गलत किया गया हैं। प्लान भी सही तरीके से नहीं किया गया। और अब भविष्य का मास्टर प्लान भी बन रहा है। कोर्ट को याचिककर्ता कोडवानी ने बताया कि नगर निगम सहित दो विभागों को आज जवाब पेश करना था किंतु उन्होंने जवाब पेश नहीं किया। जिसके बाद कोर्ट ने नगर निगम को बिंदुवार जवाब देने के आदेश देते कहा कि याचिका पर अगले माह जनवरी के प्रथम सप्ताह में अंतिम सुनवाई कर निर्णय किया जाएगा।