-श्रद्धालुओं को मिलेगा घर जैसा पारंपरिक खाना और परिवार जैसा अनुभव
प्रयागराज । महाकुंभ 2025 को भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए यूपी सरकार पूरी तरह से जुटी है। इस बार कुंभ में उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में श्रद्धालुओं को ठहराना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसे देखते हुए सरकार ने कई उपाय किए हैं, जिनमें स्थानीय घरों को होम स्टे में बदलने की योजना तैयार की जा रही है।
अब तक 26 घरों को होम स्टे बनाया गया है, और 36 अन्य घरों को होम स्टे में तब्दील करने के लिए आवेदन आए हैं। पर्यटन विभाग के मुताबिक होम स्टे में श्रद्धालुओं को घर जैसा माहौल मिलेगा, जिसमें वे पारंपरिक खाना और परिवार जैसा अनुभव प्राप्त कर सकेंगे। इन घरों में कम से कम दो और अधिकतम पांच कमरे होने चाहिए। साथ ही आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम और खाने की व्यवस्था मकान मालिकों को ही करनी होगी। इन होम स्टे की जानकारी और बुकिंग महाकुंभ मेला और यूपी पर्यटन की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
इसके अलावा टेंट सिटी और होटलों में ठहरने की व्यवस्था पर भी काम किया जा रहा है। प्रयागराज के सभी छोटे-बड़े होटलों और गेस्ट हाउस की क्षमता का आकलन किया जा रहा है। होटल संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वह श्रद्धालुओं से ज्यादा किराया न वसूलें। इसके अलावा कई हैरिटेज प्रॉपर्टीज को भी ठहरने की सुविधा में तब्दील किया जा रहा है। सरकार आगजनी और अन्य संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों पर भी जोर दे रही है। सभी आवासीय और अस्थायी ठिकानों पर आग से बचाव के इंतजाम किए जा रहे हैं।
पर्यटन विभाग की रीजनल ऑफिसर ने बताया कि श्रद्धालुओं को ठहराने की व्यवस्था करना महाकुंभ की सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए टेंट सिटी, होम स्टे, होटल और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाओं को सक्रिय रूप से तैयार किया जा रहा है। महाकुंभ 2025 के लिए सरकार का यह मेगा प्लान न केवल इसे भव्य बनाएगा, बल्कि इसे श्रद्धालुओं के लिए सुखद और सुरक्षित अनुभव भी बनाएगा।