मेले में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा के 135 कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं
सागर । स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में स्वर्णिम भारतवर्ष फाउंडेशन के माध्यम से पीटीसी मैदान में 11 दिवसीय स्वदेशी मेला अपने पूरे शवाब पर है। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय लोक महोत्सव द्वारा मेला प्रांगण में आज पांचवे दिन सरस्वती वंदना के बाद राजस्थान का घूमर नृत्य, कालबेलिया, चकरी नृत्य, उत्तरप्रदेश के कलाकारों द्वारा मयूर नृत्य, छिंदवाड़ा का गेड़ी नृत्य, सेल्जा नृत्य, गौंडी नृत्य, छत्तीसगढ़ से कर्मा शैला, कर्मा नृत्य, गुजरात के कलाकारों द्वारा राठवी नृत्य, सिद्ध गोमा नृत्य, हरियाणा का फाग नृत्य एवं पद्मश्री विभूषित रामसहाय पांडे, संतोष पांडे द्वारा बुंदेलखंड की राई, सागर के कलाकारों द्वारा सैरा नृत्य की रंगारंग प्रस्तुती विभिन्न राज्यों से आये 135 कलाकारों द्वारा दी गई। इसके अलावा हस्तकला प्रतियोगिता, बुंदेली लोक गायक ऋषि विश्वकर्मा ने भी अपनी प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पद्मश्री विभूषित रामसहाय पांडे, संतोष पांडे, प्रो दिवाकर सिंह राजपूत, कवियित्री डॉ वंदना गुप्ता उपस्थित थीं।
स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत समन्वयक और मेला संयोजक कपिल मलैया ने बताया कि इस स्वदेशी मेला का उद्देश्य धन उपार्जन करना नहीं है बल्कि उसका उद्देश्य लोगों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रति जागरूक करना और कलाकारों को मंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि पंजाबी शूट, लुधियाना की जूती, मेरठ की खादी, जयपुरी ज्वेलरी, राजस्थानी चूर्ण के स्टाल, बच्चों के लिए बड़े-बड़े झूले, महिलाओं के लिए पारंपरिक परिधान, देश भर से आए विभिन्न वस्तुओं के स्टाल, हैण्डीक्राफ्ट एवं हैण्डलूम व सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण के केंद्र हैं।
मेला पालक अनिल अवस्थी ने कहा कि जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, यह महत्वपूर्ण है कि हम अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पाद खरीदकर अपनी अर्थव्यवस्था का समर्थन करें।
स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजकुमार नामदेव ने कहा स्वदेशी उत्पादों या भारतीय ब्रांडों को बढ़ावा देते हैं तो नौकरियों में वृद्धि की बेहतर संभावनाएं हैं।
मेला सह संयोजक सौरभ रांधेलिया, रिशांक तिवारी, करण श्रीवास्तव, नितिन सोनी ने कहा कि भारत के कई देशों से व्यापारिक संबंध रहे हैं लेकिन जो हमारे देश में बन सकता है या उपलब्ध है उसका इस्तेमाल अब हम करेंगे।
मेला सांस्कृतिक प्रभारी नितिन पटैरिया एवं मीडिया प्रभारी अखिलेश समैया ने कहा कि राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा के 135 कलाकारों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर विनय मलैया, सिद्धार्थ शुक्ला, सुनीता अरिहंत, सुनील सागर, अंजली दुबे, विनीता केशरवानी रवीन्द्र ठाकुर आदि उपस्थित थे।