सुधार जरुरी लेकिन भारत हमेशा डब्ल्यूटीओ फ्रेमवर्क में करेगा: पीयूष गोयल

नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का कहना है कि भारत वैश्विक व्यापार के मामलों में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के ढांचे का पालन करता रहेगा, लेकिन मौजूदा वैश्विक व्यापार प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने यह बातें 9वें ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट के दौरान रखीं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने शुक्रवार को यहां कहा कि भारत हमेशा डब्ल्यूटीओ के फ्रेमवर्क में काम करेगा। अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के साथ हमारे द्विपक्षीय समझौते भी इसी ढांचे के अंतर्गत आते हैं। डब्ल्यूटीओ में सुधार की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने विकासशील देशों की परिभाषा को दोबारा मूल्यांकन करने, ई-कॉमर्स नियमों को स्पष्ट करने, कृषि एवं मत्स्य पालन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता लाने की जरूरत पर बल दिया। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है और आने वाले 20-25 वर्षों में भारत आठ गुना वृद्धि कर सकता है। 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाएं घरेलू मांग को बढ़ाएंगी, जिससे वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी और गहरी होगी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो वर्षों में कम से कम 8 उच्च स्तरीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल भारत आए हैं — यह संकेत है कि दुनिया भारत में व्यापारिक साझेदारी के लिए उत्सुक है।
स्पष्ट है एफडीआई और चीन पर रुख
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का रुख स्पष्ट है, भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देगा। चीन से अब तक बहुत कम एफडीआई आया है और भविष्य में हमारा जोर उन देशों के साथ साझेदारी पर है जिनकी व्यापार प्रथाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हैं। गोयल ने कहा कि भारत के टैरिफ उपाय गैर-बाजार आधारित अर्थव्यवस्थाओं पर केंद्रित हैं। भारत पारस्परिकता, विश्वास और निष्पक्षता के सिद्धांतों पर आधारित द्विपक्षीय साझेदारियों के लिए तैयार है। भारत के व्यापार निर्णयों पर किसी भी बाहरी दबाव की बात को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि भारत आत्मविश्वास से भरपूर है। हमारा घरेलू बाज़ार मजबूत है और हमारी युवा शक्ति उद्योग को वैश्विक मंच पर ले जाने के लिए तैयार है।