:: वॉयस एज ए करियर वर्कशॉप का शुभारंभ, हरीश भिमानी दे रहे प्रशिक्षण ::
इन्दौर । ऐसा नहीं कि एआई के दौर में वॉयस एक्टर के सामने कोई चुनौती नहीं है, लेकिन मशीनी या क्लोन आवाज़ में जब तक इंसानी भावों की अभिव्यक्ति और अनुभूति नहीं होगी, वॉयस एक्टर्स की उपयोगिता बनी रहेगी।
प्रबुद्ध स्वर विशेषज्ञ हरीश भिमानी ने यह बात कही। वे स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. द्वारा आयोजित वॉयस एज ए करियर वर्कशॉप में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। दो दिन की यह वर्कशॉप स्थानीय अभिनव कला समाज में गुरूवार को शुरू हुई। पहले दिन 60 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
भिमानी ने वर्कशॉप वॉयस एक्टिंग से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने प्रतिभागियों को कुछ ऐसे अभ्यास भी बताए जिनसे आवाज़ को बेहतर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा, आपके बोलते ही आपकी तहजीब और आपके व्यक्तित्व का पता चलता है, जिसका बोलना बेहतर होता है, उसे अवसर भी बेहतर मिलते है।
भिमानी ने ताज़ा ट्रेंड के मुताबिक कहा, आज वॉयस ओवर के लिए तो काम कम है लेकिन डबिंग में वॉयस एक्टर के लिए काफी काम है। परंतु आपको हिंदी के अलावा अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान होना चाहिए। उर्दू भी जरूर सीखना चाहिए।
वर्कशॉप में भिमानी से समन्वयक शकील अख़्तर ने भी कुछ जरूरी सवाल पूछे। उन्होंने भिमानी को, जानकारियों का खज़ाना और एक चलित स्मृति कोष करार दिया। उन्होंने आग्रह किया कि भिमानी जी को पॉडकास्ट के ज़रिए अपना बेशकीमती अनुभव प्रसारित करना चाहिए।
भिमानी ने कहा, अगर हम बोलने के पहले केवल एक सेकंड भी सोच लेंगे तो हमें पता चल जाएगा कि हमें क्या नहीं बोलना है। कैसे और कितना बोलना है। बोलने में, उच्चारण में जितनी शुद्धता और स्पष्टता होगी, उतना ही आपका प्रभाव बढ़ेगा। इसलिए आराम से बोलिए। ठहरकर बोलिए। सोच समझकर बोलिए। अपने बोलने को लगातार बेहतर कीजिए।
उन्होंने कहा कि हममें जो कमियां है वह शायद हमारी गलतियां ना सुधारने वालों की गलती है। उन्हें आपको तो सुधारना ही है। नहीं तो वह खामियां बढ़ती रहती हैं। खुद को इंप्रूव करने के लिए आलोचक नहीं क्रिटिक बन जाओ।
प्रारम्भ में हरीश भिमानी, स्टेट प्रेस क्लब, म.प्र. के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल, वर्कशॉप समन्वयक शकील अख़्तर, पंकज क्षीरसागर और पुष्कर सोनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। अतिथि परिचय पंकज क्षीरसागर ने दिया। भिमानी का स्वागत प्रवीण खारीवाल और शकील अख्तर ने किया।