नई दिल्ली । इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने वाली कंपनियों को सरकार की प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाने के लिए डिजायन टीम बनानी होगी और अपने उत्पादों की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर तक पहुंचाना होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स कल-पुर्जों की विनिर्माण योजना (ईसीएमएस) के तहत कंपनियों की मंजूरी देने से पहले इन दोनों कारकों पर ध्यान दिया जाएगा, हालांकि इसे औपचारिक मानदंड के रूप में नहीं रखा जाएगा।
वैष्णव ने कहा, मैं इस योजना में भाग लेने वाली हर कंपनी से डिजायन टीम बनाने का अनुरोध करता हूं। हालांकि, इसे औपचारिक मानदंड नहीं बनाया गया है, यह एक अनौपचारिक मानदंड के रूप में देखा जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुछ कंपनियों ने अपनी डिजायन टीम में 5,000 इंजीनियर शामिल किए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया, यदि आपके पास डिजायन टीम नहीं है और आप सभी आवश्यक मापदंडों को पूरा कर रहे हैं, तब भी हम आपको मंजूरी नहीं देंगे। डिजायन टीम बनानी ही होगी।
इसके साथ ही मंत्री ने उत्पादों की गुणवत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कंपनियों से आग्रह किया कि वे सिक्स सिग्मा गुणवत्ता स्तर हासिल करें, जो उच्चतम गुणवत्ता और दक्षता को दर्शाता है। उन्होंने कहा, सिक्स सिग्मा से कम कुछ भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम केवल विनिर्माण की मात्रा पर नहीं, बल्कि उत्पादों की गुणवत्ता पर भी आपकी प्रगति का मूल्यांकन करेंगे।
सिक्स सग्मा से आशय?
सिक्स सिग्मा से आशय है एक ऐसी गुणवत्ता प्रक्रिया, जिसका उद्देश्य त्रुटियों को न्यूनतम करना, विविधताओं को दूर करना और गुणवत्ता एवं दक्षता को बढ़ाना है।
मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह बयान कंपनियों को यह संदेश देता है कि सिर्फ मापदंडों को पूरा करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उच्च गुणवत्ता और बेहतर डिजायन प्रक्रिया पर भी ध्यान देना आवश्यक होगा, यदि वे सरकार की प्रोत्साहन योजना का लाभ उठाना चाहती हैं।