:: रेहड़ी-पटरी व ठेला व्यापारियों का सर्वे कर डाटाबेस तैयार करेंगे ::
इन्दौर । नगर निगम, इन्दौर की महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में गुरूवार को मेयर-इन-काउंसिल की बैठक हुई। बैठक में शहर में प्राकृतिक और मानव जनित आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए आपदा प्रबंधन सेल के गठन के प्रस्ताव रखा गया, इसके अंतर्गत प्रत्येक वार्ड में 8-10 आपदा मित्र नियुक्त किए जाएंगे, जिन्हें जिला प्रशासन, निगम एवं पुलिस के सहयोग से विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। बैठक में इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक सहमति देने के साथ आवश्यक संसाधन खरीदने पर भी चर्चा हुई।
बैठक में नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा, राजेन्द्र राठौर, निरंजनसिंह चौहान गुड्डू, नंदकिशोर पहाड़िया सहित महापौर परिषद के अन्य सदस्य, एवं समस्त अपर आयुक्त तथा विभाग प्रमुख उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं सेनाध्यक्ष को साधुवाद दिया और ब्लैकआउट मॉकड्रिल की सफलता के लिए नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।
बैठक में शहर के डिवाइडर, ग्रीन बेल्ट और उद्यानों के बेहतर रखरखाव और विकास के लिए इन्हें सामाजिक संस्थाओं और संगठनों को गोद देने का निर्णय लिया गया। महापौर भार्गव ने बताया कि इससे शहर के सौंदर्याकरण और विकास को गति मिलेगी।
उन्होने बताया कि रेहड़ी-पटरी व ठेला व्यापारियों के विस्तृत सर्वे कर स्थायी डाटाबेस तैयार किया जायेगा। इसके लिए उनका पंजीयन किया जाएगा। साथ ही उन्हें परिचय-पत्र भी जारी करेंगे। इस कार्य के लिए निजी एजेंसी तय की गई, जो तय सीमा में नगर निगम को सर्वे कर जानकारी उपलब्ध कराएगी। बैठक में पीएम आवास योजना 2.0 के तहत ग्राम सिंधोडा में एक हजार से ज्यादा आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दी गई। जल्द ही डीपीआर तैयार की जाएगी। पीएम आवास योजना के तहत अरावली परिसर और शिवालिक परिसर में निर्मित दुकानों को स्वामित्व अधिकार पर अंतरित किए जाने के संबंध में भी सहमति दी गई। अटल इन्दौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लि. कम्पनी के माध्यम से शहर में संचालित सिटी बसों में सफर करने के लिए विशेष श्रेणियों के यात्रियों को रियायती पास के लिए व्यय की प्रतिपूर्ति निगम द्वारा की जायेगी। इसके तहत विद्यार्थियों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों एवं रैगपिकर्स को ऑनलाइन एवं ऑफलाइन रियायती मासिक पास की सुविधा हेतु खर्च की प्रतिपूर्ति का भी निर्णय लिया गया। वेस्ट मैनेजमेंट के तहत थ्री-आर (रिड्यूस, रियूज़, रीसायकल) नवाचार के तहत पीपीपी मॉडल पर कचरे से एकत्रित कपड़ों का पुनः उपयोग किया जाएगा। इसके लिए तैयार प्रस्ताव पर चर्चा कर बैठक में सैद्धांतिक सहमति दी गई। बताया गया कि यशवंत सागर की जलप्रदाय क्षमता बढ़ाने से प्रभावित डूब क्षेत्र के कृषकों को मुआवजा देने पर भी बैठक में चर्चा हुई।