वडोदरा में रोड शो में कर्नल सोफिया के परिवार ने किया पीएम का स्वागत
वडोदरा । पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को वडोदरा पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने एयरपोर्ट से एयरफोर्स गेट तक रोड शो किया। इस रोड शो को सिंदूर सम्मान यात्रा नाम दिया गया। शोड शो में कर्नल सोफिया कुरैशी का परिवार भी पहुंचा था उन्होंने पीएम मोदी का फूलों से स्वागत किया। रोड शो की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने एयरपोर्ट के बाहर बने मंच पर मौजूद कर्नल सोफिया के परिवार से मुलाकात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी की बहन, पिता और भाई से मीडिया से बातचीत की।
बता दें कर्नल सोफिया की एक जुड़वां बहन शायना कुरैशी उन्होंने बातचीत में कहा कि नरेंद्र मोदी बहुत ईमानदार प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने पहलगाम में मारे गए लोगों का बदला लेने ऑपरेशन सिंदूर किया। वह बहुत सक्सेजफुल रहा। ऑपरेशन में कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। पीएम मोदी ने महिलाओं को ऐसी ऊंचाई पर पहुंचा दिया जो पहले कभी नहीं हुआ। वे हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाते रहे हैं। जो महिलाएं इतने सालों से दबी हुई थीं। आज वे अपने आप पर गर्व महसूस कर रही हैं।
वहीं कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी जो कि खुद भी सेना में रह चुके हैं उन्होंने कहा कि मोदीजी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार यहां आए हैं। उनसे मिलकर हमें बहुत खुशी हुई। पीएम मोदी ने जो किया, बहुत अच्छा किया। ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
कर्नल सोफिया कुरैशी के भाई संजय कुरैशी ने कहा कि हमारी डिफेंस फोर्स और हमारी केंद्र सरकार का ऑपरेशन सिंदूर गर्व करने का पल है। देश के लिए जो किया है, उसकी तारीफ करते हुए हमें गर्व होता है। रोड शो में पीएम मोदी से मिलना जिंदगी में एक अचीवमेंट जैसा है। यह मेरे लिए गर्व का पल था। हमने उनका फूलों से स्वागत किया। उन्होंने कुछ कहा या पूछा था, लेकिन शोर इतना ज्यादात था कि सुनाई नहीं दिया। मुझे ऐसा लगा, जैसे उन्होंने कहा था- केम छो।
बता दें कर्नल सोफिया कुरैशी वडोदरा की रहने वाली हैं। उनका जन्म वडोदरा में हुआ। उन्होंने जैव रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है। सोफिया के दादा और उनके पिता भी सेना में थे। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरोडा से 1992-1995 और मास्टर ऑफ साइंस और इसके बाद (1995-1997 में) साइंस फैकल्टी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
शांति अभियानों में शामिल रही हैं सोफिया सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला था। 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया।
कर्नल सोफिया कुरैशी 2010 से शांति अभियानों में शामिल रही हैं। पंजाब सीमा पर ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से प्रशंसा पत्र भी मिला था। पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ से प्रशंसा पत्र भी मिला। कर्नल सोफिया ने पुणे में आयोजित 18 देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास फोर्स 18 में भारतीय सेना की 40 सदस्यीय टुकड़ी का नेतृत्व किया था। इतना ही नहीं, वह इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं।