इन्दौर संभाग में पर्यटन क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाएं –

:: पर्यटकों के अनुकूल वातावरण एवं सुविधाएं विकसित करने के लिए संभागायुक्त दीपक सिंह ने दिए निर्देश ::
इन्दौर । इन्दौर संभाग के विभिन्न धार्मिक, ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए भी संभावनाएं है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने निर्देश दिए हैं कि संभाग के पर्यटन क्षेत्रों के विकास के साथ ही वहां पर पर्यटकों के लिये अनुकूल वातावरण तैयार किया जाए एवं सुविधाएं भी विकसित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए की पर्यटन विभाग पर्यटन स्थलों के अनुरक्षण, उन्नयन और सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दें। बताया गया कि पर्यटन विभाग द्वारा इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिए गए हैं, जो लगातार चल रहे हैं। इससे पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। विशेषकर मांडव, महेश्वर ओंकारेश्वर, धार, बुरहानपुर, इन्दौर, आलीराजपुर, खंडवा, खरगोन, झाबुआ आदि शहरों में किले से लेकर मंदिर, गुफा, महल, घाट, संग्रहालय आदि है, जो पर्यटकों के लिए हमेशा आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।
संभागायुक्त कार्यालय में गत दिवस इन्दौर संभाग में चल रहे पर्यटन क्षेत्रों के विकास संबंधी विभिन्न निर्माण कार्यों की प्रगति को लेकर संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में संभागायुक्त दीपक सिंह ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को कहा कि मांडु में स्थित जहाज महल के तीनों तालाबों में वोट चलाई जाये। इसके लिये यह व्यवस्था की जाये कि वह पानी हमेशा बने रहे। पर्यटकों के लिये रोचक गतिविधियां भी हो। इनमें लेजर शो, फोनटेन शो, वॉटर स्पोर्ट्स आदि कराये जा सकते है। मोरटक्का के पास रिक्त भूमि पर पर्यटकों के लिये सुविधाएं विकसित की जाये। इसके लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि इन्दौर संभाग के बाग प्रिंट कला को विस्तारित किया जाये।
बैठक में बताया गया कि सिंहस्थ मद के तहत 19.97 करोड़ रुपये की लागत से राजवाड़ा के दरबार हाल का अनुरक्षण एवं विकास कार्य किया जाना है, जिसकी निविदा प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। यह कार्य 30 जून 2027 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है। इसी प्रकार 47.59 करोड़ रुपये की लागत से लालबाग पैलेस परिसर का उन्नयन एवं बाउण्ड्री वाल का विकास कार्य की शुरूआत हो गई है, जो एक मई 2027 तक पूर्ण होना प्रस्तावित है। इसी तरह डॉ. अम्बेड़कर नगर स्थित काकड़पुरा में 6.85 करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न विकास कार्य किया जाना है।
इसी प्रकार महेश्वर में 110 करोड़ रुपये की लागत से अहिल्या लोक निर्माण किया जाना है, जिसकी डीपीआर बन गई है। देवी अहिल्या बाई की राजधानी महेश्वर होने के कारण अहिल्या लोक का ऐतिहासिक और सामाजिक महत्व अधिक है। धार जिले में स्थित बुड़ी मांडव में पर्यटन स्थल का विकास किया जाना है।