देश में सबसे ज्यादा टोल टैक्स देने वाले राज्यों की सूची में महाराष्ट्र शीर्ष पांच राज्यों में शामिल

मुंबई, । देश में सबसे ज्यादा टोल टैक्स देने वाले राज्यों की सूची में महाराष्ट्र शीर्ष पांच राज्यों में शामिल हो गया है। बताया गया है कि महाराष्ट्र समेत देशभर में टोल टैक्स कलेक्शन में सालाना 500 से 1,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। टोल कलेक्शन के मामले में महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है। महाराष्ट्र के लोगों ने 21,105 करोड़ रुपये का टोल टैक्स चुकाया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण की लागत वसूल होने के बाद टोल टैक्स नहीं वसूला जा सकता। इसके बाद भी टोल टैक्स कलेक्शन की राशि में हर साल 500 से 1,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो रही है। साल दर साल बढ़ रही है टोल कलेक्शन की राशि हर साल बढ़ रही है। 2020-21 में टोल बूथ की आय 27,936 करोड़ रुपये रही। 2021-22 में 6002 करोड़ रुपये, 2022-23 में 14,104 करोड़ रुपये और 2023-24 में 7850 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया। 2024-25 (25 फरवरी) तक कुल 54,820 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया। * सबसे ज्यादा टोल देने वाले राज्य कौन से हैं?
2020-21 से 2024-25 (25 फरवरी) तक पिछले पांच सालों में देश में 2 लाख 20 हजार 590 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया। इसमें सबसे ज्यादा 27 हजार 14 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश से वसूला गया। इसके बाद राजस्थान से 24,209 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र से 21,105 करोड़ रुपये और गुजरात से 20,607 करोड़ रुपये का टोल वसूला गया।

  • महाराष्ट्र में कितने टोल बूथ हैं?
    महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्गों पर 75 से ज़्यादा टोल प्लाजा हैं। पिछले पाँच सालों में नागरिकों ने 21,105 करोड़ 18 लाख रुपए का टोल चुकाया है। पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र में टोल का मुद्दा लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। विधानसभा चुनाव से पहले महायुति सरकार ने मुंबई के प्रवेश द्वारों पर लगे टोल प्लाजा से छोटे वाहनों को बाहर रखने का फ़ैसला किया था। इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे बड़े शहरों में आने-जाने वाले वाहनों की संख्या बहुत ज़्यादा है। इसलिए इन शहरों से बड़ी मात्रा में टोल वसूला जाता है।
  • किस साल महाराष्ट्र ने कितना टोल चुकाया?
    महाराष्ट्र में पिछले पांच वर्षों (फरवरी 2025 तक) में टोल संग्रह इस प्रकार है-
    2020-21- 2590.85 करोड़ रुपये
    2021-22- 3386.21 करोड़ रुपये
    2022-23- 4660.21 करोड़ रुपये
    2023-24- 5352.53 करोड़ रुपये
    2024-25- 5115.38 करोड़ रुपये