भगवान जगन्नाथ को स्नान के बाद लगाया 108 पकवानों का भोग ; 27 जून तक मंदिर के पट बंद –

:: इस बार अन्नपूर्णा मंदिर से निकलेगी जगन्नाथ रथयात्रा, देश-विदेश के संत और श्रद्धालु आएंगे ::
इन्दौर । निपान्या स्थित इस्कॉन मंदिर पर जगन्नाथपुरी के विश्व विख्यात जगन्नाथ मंदिर की परंपराओं के अनुरूप बुधवार को भगवान के बाल स्वरूप का सहस्त्र धारा से स्नान कराया गया। इस्कॉन इन्दौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु के सानिध्य में भगवान को देश की सात पवित्र नदियों के जल, फलों के रस एवं पंचामृत से अभिषेक और स्नान कराने के बाद 108 पकवानों का भोग समर्पित किया गया।
रथयात्रा प्रभारी हरि अग्रवाल, संयोजक किशोर गोयल एवं शैलेन्द्र मित्तल ने बताया कि मंदिर पर बुधवार को सुबह सैकड़ों भक्तों की मौजूदगी में महामनदास प्रभु के सानिध्य में भगवान को स्नान की यह रस्म संपन्न कराई गई। मान्यता है कि सहस्र धारा स्नान से भगवान को बुखार हो जाता है और राजवैद्य की सलाह पर वे 15 दिनों तक विश्राम करते हैं। इसी कारण 12 जून से इस्कॉन मंदिर के पट बंद कर दिए जाएंगे, जो 27 जून तक बंद रहेंगे। इस बीच भगवान का उपचार चलता रहेगा और राजवैद्य की सलाह पर उन्हें सूप, खिचड़ी, दूध-दलिया, फल आदि का आहार दिया जाएगा। 29 जून को अन्नपूर्णा मंदिर से जगन्नाथ की परंपरागत रथयात्रा निकलेगी। जगन्नाथपुरी में यह यात्रा 27 जून को निकलेगी। आज स्नान की रस्म के समय विशाल प्रभु, लक्ष्मणदास प्रभु, गिरधर गोपाल प्रभु, अच्युत गोपाल प्रभु, रणवीर प्रभु, अद्विधरण प्रभु सहित अनेक भक्त भी मौजूद रहे।
इस बार जगन्नाथ रथयात्रा का शुभारंभ 29 जून को अन्नपूर्णा मंदिर से दोपहर 1 बजे से होगा। रथयात्रा नरेन्द्र तिवारी मार्ग से रणजीत हनुमान मंदिर, महूनाका, छत्रीपुरा, बियाबानी, मालगंज चौराहा से मल्हारगंज, टोरी कार्नर, गोराकुंड, खजूरी बाजार, राजबाड़ा होते हुए गोपाल मंदिर पहुंचेगी, जहां विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश-विदेश के इस्कॉन से जुड़े संत एवं भक्त अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इन्दौर एवं उज्जैन के साथ ही प्रदेश के 25 शहरों में 27 जून से 5 जुलाई के बीच जगन्नाथ रथयात्राओं के आयोजन होंगे।