अब तक साढ़े 11 हजार लावारिस एवं अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार करने वाले गोयल का सम्मान आज –

:: महर्षि उत्तम स्वामी, अण्णा महाराज एवं अन्य प्रमुख संतों के सानिध्य में गोल्डन बुक में दर्ज होगा नया विश्व कीर्तिमान ::
इन्दौर । मानव सेवा के क्षेत्र में पिछले 35 वर्षों से लगातार समर्पित संस्था महाकाल मानव सेवा संस्थान एवं सुल्ताने-ए-इन्दौर एकता सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में अब तक 11 हजार 500 से अधिक लावारिस एवं अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार का कीर्तिमान आज दोपहर 12 बजे विजय नगर स्थित होटल सयाजी पर आयोजित एक कार्यक्रम में विश्व कीर्तिमान के रूप में दर्ज किया जाएगा। इस मौके पर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स की ओर से इस सेवा प्रकल्प के सूत्रधार अशोक गोयल एवं उनके साथियों का सम्मान भी अनेक प्रमुख संतों एवं विद्वानों के सानिध्य में किया जाएगा।
इस मौके पर प्रख्यात महर्षि महामंडलेश्वर उत्तम स्वामी महाराज, सदगुरू अण्णा महाराज, इस्कॉन इन्दौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु एवं अखंड धाम आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप के सानिध्य एवं रणजीत हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी पं. दीपेश व्यास, खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी पं. अशोक भट्ट एवं जूनी इन्दौर स्थित प्राचीन शनि मंदिर के पं. नीलेश तिवारी के विशेष आतिथ्य में इस सेवाकार्य के प्रमुख अशोक गोयल, जयदीप जोशी, करीम पठान एवं फिरोज पठान को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से समाजसेवी एवं अ.भा. अग्रवाल महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरि अग्रवाल एवं संस्था समर्पण के संयोजक मनोज वर्मा की मौजूदगी में सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में विशेष रूप से राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट एवं गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के एशिया हेड डॉ. मनोज विश्नोई भी उपस्थित रहेंगे। शहर की धार्मिक सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी भी आमंत्रित किए गए हैं।
संस्था के अध्यक्ष अशोक गोयल, जयदीप जोशी ने बताया कि उन्होंने संस्था सुल्तान-ए-इन्दौर एकता सेवा समिति के करीम पठान एवं फिरोज पठान तथा अन्य साथियों के सहयोग से पिछले 35 वर्षों से अधिक की अवधि में 11 हजार 500 से अधिक लावारिस एवं अज्ञात शवों का उनके धर्म की परंपरा के अनुरूप अंतिम संस्कार किया है। इसकी शुरुआत करीब 50 वर्ष पहले तब हुई जब गोयल के सिर से पिता का साया उठ चुका था और उनके बड़े भाई नंदकिशोर ने उन्हें कहा था कि पिता के चले जाने के बाद गोयल परिवार का भरण-पोषण कौन करेगा। तब अशोक की उम्र मात्र 10 वर्ष रही होगी। बड़े भाई की बात सुनकर अशोक गोयल ने संकल्प लिया कि इन्दौर में अब कोई भी लावारिस के रूप में इस संसार से अंतिम यात्रा नहीं करेगा। उसी दिन से गोयल ने सेवा का ऐसा कार्य हाथ में ले लिया, जो आज तक जारी है। अब कहीं से भी किसी लावारिस या अज्ञात शव की सूचना मिलती है तो गोयल बिना देर किए उस अज्ञात और लावारिस व्यक्ति का विधि-विधान से अंतिम संस्कार मुक्तिधाम या कब्रस्तान में करवाने का प्रबंध करते हैं। हालांकि इस काम में कई बार अनेक परेशानियां भी आती रही हैं, जैसे जब तक पुलिस-प्रशासन किसी शव पर लावारिस या अज्ञात की मोहर नहीं लगाता तब तक उस शव का अंतिम संस्कार या कब्रस्तान में सुपुर्दे खाक करना संभव नहीं होता, फिर ऐसे शव को किसी वाहन या एम्बुलेंस में मुक्तिधाम अथवा कब्रस्तान तक लाना भी आसान नहीं होता। इससे भी बड़ा कठिन काम उस शव के धर्म या मजहब की पहचान करना होता है। इस तरह सारी प्रक्रिया पूरा करने के बाद अशोक गोयल स्वंय अपने खर्च से उस शव का अंतिम संस्कार संपन्न कराते हैं। प्रत्येक अंतिम संस्कार पर करीब 3 हजार रुपए का खर्च आता है। कई बार तो नवजात शिशु का भी अंतिम संस्कार करना पड़ा।
समाजसेवी अशोक गोयल कई वर्षों से महाकाल सेवा संस्थान एवं सुल्तान-ए-इन्दौर एकता सेवा समिति जैसी संस्थाओं के माध्यम से यह सेवा कार्य करते आ रहे हैं। सुल्तान-ए-इन्दौर करीम पठान एवं फिरोज पठान के सहयोग से अब अशोक गोयल में अपना शव वाहन भी तैयार कर लिया है। इसकी सराहना महर्षि उत्तम स्वामी से लेकर सरकारी के मंत्री तुलसी सिलावट, समाजसेवी विष्णु बिंदल, राम बाबू अग्रवाल, हरि अग्रवाल एवं अन्य बंधु भी कई बार कर चुके हैं। गोयल का कहना है कि मैं उन खुशनसीब लोगों में से हूं, जिन्हें परमात्मा ने ऐसे सेवा कार्य करने के लिए चुना है। मैं तो एक निमित्त मात्र हूं और अपने जीवन के अंतिम क्षणों तक इसी तरह के सेवाकार्य करने के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं कि मुझे इतनी शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करे कि हमेशा इस तरह के और भी बड़े सेवा कार्य करता रहूं।
वैसे गोयल संस्था समर्पण के अध्यक्ष, मालवा कला अकादमी के संयोजक, केन्द्रीय सांई सेवा समिति के सदस्य, इन्दौर नगर फोरम के अध्यक्ष, अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के सदस्य, आनंद नगर कालोनी के संचालक, सेवा सुरभि और अहिल्या उत्सव समिति इन्दौर के सदस्य के रूप में भी विभिन्न सेवा प्रकल्पों से जुड़े हुए हैं। वे म.प्र. उच्च न्यायालय में अभिभाषक के रूप में भी अनेक कानूनी मुद्दों पर राज्य एवं केन्द्र सरकार का ध्यानाकर्षण करते आ रहे हैं। उन्हीं के प्रयासों से सजा पूरी कर चुके हजारों कैदी मुचलके के अभाव में जेल से बाहर नहीं आ पा रहे थे, लेकिन अशोक गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उनका ध्यानाकर्षण किया और अब केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय बजट में इसका प्रावधान कर दिया है, जिसके कारण कैदियों की रिहाई शुरू हो गई है। म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भेरूगढ़ जेल से इस योजना की शुरुआत कर दी है।