संसद भी नहीं पहुंचे, विदाई समारोह में नहीं होंगे शामिल
नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस्तीफा मंजूर कर लिया। यह जानकारी राज्यसभा में पीठासीन घनश्याम तिवाड़ी ने दी। धनखड़ आज सदन की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए। सुबह 11 बजे अपर सदन की कार्यवाही की शुरुआत उप सभापति सांसद हरिवंश ने की। इससे पहले खबर आई थी कि जगदीप इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। ना ही विदाई समारोह में शामिल होंगे। उधर, पीएम मोदी ने कहा कि मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था। उन्होंने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा था कि ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त, 2027 में रिटायर हो जाऊंगा।
उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की 2 थ्योरी
पहली: राष्ट्रपति को लिखे त्यागपत्र में धनखड़ ने पद छोडऩे की वजह स्वास्थ्य बताया था।
दूसरी: विपक्ष इस्तीफे पर सवाल कर रहा है। कह रहा है कि इसकी वजह कुछ और है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को बताया कि 21 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे श्री जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ जी की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए। सबसे हैरानी की बात यह थी कि धनखड़ जी को व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बताया गया कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे। स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की अगली बैठक आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दी। इससे साफ है कि सोमवार दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच जरूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया।