कुदरत का कहर: कहीं भूकंप कहीं भूस्खलन, चली गई 2100 की जान

काबुल । अफगान से लेकर सुडान तक कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया है कि यहां देखते ही देखते 2100 लोगों की जान चली गई। अफगानिस्तान में आए भूकंप में 11 सौ लोगों की मौत हो गई जबकि सुडान में भूस्खलन से 1 हजार लोगों ने जान गंवाई है। अफगानिस्तान और सुडान में आई तबाही को मिलाकर अब तक 2,100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घायल और बेघर हो गए हैं। यह कुदरत का कहर ऐसा है कि मानवता कराह रही है। अफगानिस्तान में 6.0 तीव्रता का भूकंप पूर्वी इलाके में काबुल के पास आया, जबकि सुडान के दारफुर क्षेत्र में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड ने एक पूरा गांव ही मिटा दिया। इन आपदाओं ने न केवल जान-माल का नुकसान किया, बल्कि पहले से संकटग्रस्त क्षेत्रों में मानवीय संकट को और गहरा कर दिया है।
सुडान में स्थिति और भी दिल दहला देने वाली है। सुडान लिबरेशन मूवमेंट/आर्मी ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि पश्चिमी सुडान के मार्रा माउंटेंस इलाके में एक गांव पर लैंडस्लाइड गिरा, जिसमें कम से कम 1,000 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में केवल एक व्यक्ति ही जिंदा बचा है। लैंडस्लाइड की घटना 31 अगस्त को हुई, जब लगातार कई दिनों की भारी बारिश के बाद पहाड़ी इलाके में मिट्टी खिसक गई। सुडानी आर्मी का कहना है कि पूरा गांव ही मिट्टी में दफन हो गया है, और अब वहां कुछ भी नहीं बचा। पुरुष, महिलाएं और बच्चे सभी इसकी चपेट में आए। यह इलाका दारफुर क्षेत्र में आता है, जो पहले से ही सुडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच चल रहे गृहयुद्ध से प्रभावित है। वहीं अफगानिस्तान में भूकंप से आई तबाही को जानते हैं। अफगानिस्तान में रविवार रात को जोरदार भूकंप आया। यह भूकंप पूर्वी अफगानिस्तान में आया, जो काबुल से ज्यादा दूर नहीं था। अफगान मीडिया एंड रिसर्च सेंटर के प्रमुख अब्दुल जब्बार बेहिर ने अल अरबिया से बातचीत में बताया कि इस भूकंप में कम से कम 1,100 लोग मारे गए हैं, जबकि 3,500 से अधिक घायल हुए हैं। भूकंप की तीव्रता 6।0 मापी गई, जिसने पहाड़ी इलाकों में भारी तबाही मचाई। घर ढह गए, सड़कें टूट गईं और कई गांव संपर्क से कट गए।