जयपुर के रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश कराने का प्रयास सफल, 0.8 मिमी बारिश दर्ज

कंपनी का दावा- मौसम प्रबंधन और जल संकट से निपटने की दिशा में बड़ा कदम
जयपुर । राजस्थान में जयपुर जिले के रामगढ़ बांध में सोमवार को कृत्रिम बारिश कराने का तीसरा प्रयास सफल रहा। एक्सेल-1 कंपनी ने हाइड्रोट्रेस प्लेटफॉर्म और स्वदेशी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए यह प्रयोग किया गया। इससे पहले 12 और 18 अगस्त को भी प्रयास किए गए थे जो विफल रहे। तीसरे प्रयास में 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। कंपनी ने दावा किया कि यह सफलता भारत में मौसम प्रबंधन और जल संकट से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रयोग में एआई-संचालित तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिसने क्लाउड माइक्रो फिजिक्स को बेहतर बनाया। क्लाउड सीडिंग के दौरान सिल्वर आयोडाइड, सोडियम क्लोराइड और ड्राई आइस जैसे रसायनों को बादलों में छोड़ा गया, जिससे नमी वाली सूक्ष्म बूंदें भारी होकर बरसीं। 12 अगस्त को तकनीकी समस्या के कारण ड्रोन का जीपीएस सिस्टम प्रभावित हुआ और प्रयोग बीच में ही रुक गया। 18 अगस्त को दूसरा प्रयास भी नाकाम रहा क्योंकि ड्रोन नियंत्रण खो बैठा और खेतों में जा गिरा।
वहीं 1 सितंबर को तीसरे प्रयास में तकनीकी खामियों को दूर किया गया और तीसरा प्रयोग सफल रहा और बांध पर हल्की बारिश दर्ज की गई। रामगढ़ बांध क्षेत्र में 0.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी हल्की फुहारें पड़ीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर और गांव दोनों जगह इंच भर बारिश हुई, हालांकि कंपनी ने इसे सीमित सफलता मानते हुए 0.8 मिमी आंकड़ा बताया है।
वहीं राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस उपलब्धि को राजस्थान के जल प्रबंधन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि यह मेक इन इंडिया नवाचार भारत की जलवायु सहनशीलता और आत्मनिर्भरता को मजबूती देगा।