अगर पूरी दुनिया में एक साथ आ जाएं भूकंप के झटके तो क्या होगा…….सोच कर ही कांप जाती है आत्मा

नई दिल्ली । आमतौर पर भूकंप किसी क्षेत्र विशेष में टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने से आते हैं। पूरी धरती पर एक साथ भूकंप आना वैज्ञानिक रूप से संभव नहीं है। बावजूद इसके जिस तरह से लगातार भूकंप के झटके विभिन्न क्षेत्रों में आ रहे हैं, लोगों के मन और मस्तिष्क में एक सवाल तेजी से उठ रहा है कि यदि संपूर्ण धरती में एकसाथ भूकंप आ जाए तो क्या होगा? प्रथम तो ऐसा संभव नहीं, लेकिन यदि ऐसा हुआ तो यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा होगी।
वैज्ञानिक दृष्टि से यह घटना कल्पना से परे है, फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पूरी पृथ्वी पर एक साथ भूकंप आया तो हर महाद्वीप और हर शहर एक साथ हिलने लगेगा। महासागरों में भीषण सुनामी उठेगी, जिसकी ऊंची लहरें तटीय शहरों जैसे मुंबई, टोक्यो और न्यूयॉर्क को डुबो सकती हैं। टापू गायब हो जाएंगे और समतल मैदान या तो खाई में तब्दील हो जाएंगे या पहाड़ बनते दिखेंगे।
पर्वतीय इलाकों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन और हिमस्खलन होंगे, वहीं कई ज्वालामुखी सक्रिय होकर जहरीली गैसें और लावा उगलने लगेंगे। इससे पर्यावरण पर भीषण असर पड़ेगा। वैज्ञानिक मानते हैं कि ज्वालामुखियों से निकलने वाली राख और धूल सूरज की रोशनी को रोक सकती है, जिससे धरती का तापमान गिर सकता है और मौसम में बड़ा बदलाव आ सकता है।
इमारतें, सड़कें और पुल पलभर में टूट जाएंगे और बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं ठप हो जाएंगी। पेड़-पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां खत्म हो सकती हैं। हालांकि पृथ्वी का कोर और आंतरिक संरचना इतनी मजबूत है कि ग्रह पूरी तरह नष्ट नहीं होगा।
ऐसी स्थिति में इंसानी सभ्यता पर भारी संकट आ जाएगा। कुछ लोग और जीव ही बच पाएंगे, लेकिन सामान्य जीवन लौटने में दशकों या सदियों का समय लग सकता है। कुल मिलाकर वैज्ञानिक आधार पर पूरी धरती पर एक साथ भूकंप आना असंभव है, लेकिन अगर हम इसे एक काल्पनिक स्थिति मान लें तो इसका असर किसी फ़िल्मी तबाही से भी कई गुना ज़्यादा होगा।