24 साल हर रोज परीक्षा दी: सचिन

नयी दिल्ली, 20 नवम्बर (वार्ता) युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अपने करियर में 24 साल हर रोज मैच की तैयारी के जैसे परीक्षा दी ताकि वह देश के लिए बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
लीजेंड क्रिकेटर सचिन ने यूनिसेफ इंडिया के विश्व बाल दिवस के अवसर पर यहां त्यागराज स्टेडियम में बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा, “जीवन में हर चीज के लिए तैयारी करनी पड़ती है। आप जैसे अपनी परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं ठीक उसी तरह मुझे भी अपने करियर के 24 साल में मैचों के लिए हर रोज परीक्षा देनी पड़ती ताकि मैं अच्छा कर सकूं।”
यूनिसेफ के सद्भावना दूत सचिन ने कहा, “मैच मेरे लिए परीक्षा होते थे और मैं उनके लिए आपकी तरह ही तैयारी करता था। जीवन में हालांकि किसी बात की गारंटी नहीं होती है लेकिन एक बात की गारंटी होती है कि आप अपना शत-प्रतिशत प्रयास करने की कोशिश करें, परिणाम अपने आप आएंगे।”
यूनिसेफ इंडिया के विश्व बल दिवस कार्यक्रम की इस वर्ष थीम थी – बच्चों के लिए स्कूलों की समर्थन भूमिका और सचिन ने इस विषय पर ख़ास तौर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बालक और बालिका में किसी तरह का भेदभाव नहीं रखा जाना चाहिए और बच्चों को स्कूलों में पूरी तरह स्वस्थ वातावरण मिलना चाहिए। स्कूलों को विशेष रूप से स्वच्छता पर फोकस करना चाहिए।
सचिन ने बच्चों से कहा कि उन्हें अपने जीवन में कोई न कोई खेल खेलना चाहिए। उन्होंने कहा, “बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जरूरी नहीं है कि आप कोई प्रोफेशनल खेल ही खेलें। स्वस्थ और फिट रहने के लिए कोई भी खेल खेला जा सकता है।”
मास्टर ब्लास्टर ने माता पिता से भी अपील की कि वे बेटे-बेटी को सम्मान मौके दें और उनमें कोई भेदभाव नहीं करें। उन्होंने कहा, “यह नहीं होना चाहिए कि बेटा बाहर जाए और बेटी को घर के कामकाज में लगाया जाए। आप हिमा दास को देखिये जिन्हें यूनिसेफ इंडिया ने अपना यूथ एम्बेसेडर बनाया है। जीवन में कुछ हासिल करने के लिए हमेशा अपने सपनों का पीछा करें लेकिन जीवन में हमेशा विनम्र बने रहे।”
सचिन ने इस अवसर पर स्पेशल ओलम्पिक भारत के एथलीटों के साथ एक फुटबॉल मैच भी खेला।