भोपाल (ईएमएस)। आचार्य मुनिश्री विद्या सागर महाराज ने कहा कि वर्तमान काल और भविष्य के अलावा एक और काल होता है। जिसे आपातकाल कहते हैं। आपत्तियां परेशानी किसी पर भी आ सकती हैं। सांसारिक जीवन में सबकुछ अच्छा होते हुए एकदम विपरीत परिस्थितियों से इंसान का सामना हो जाता है या यूं कहे कि अनुकूल परिस्थितियों के बीच प्रतिकूल परिस्थितियां आ जाती हैं। इसे आपातकाल कहते हैं। यह किसी भी समय, किसी के साथ भी हो सकता है, इसलिए हर पल व्यक्ति को आपातकाल के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे समय में आचार संहिता का उल्लंघन न करते हुए पुरुषार्थ के पथ पर चलते रहना चाहिए। मुनि विद्या सागर महाराज यहां समसगढ़ स्थित जिनालय में श्रद्घालुओं को आशीर्वचन सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि जो ललाट पर लिखा है, जो भाग्य में है। वह मिटाया नहीं जा सकता। हर व्यक्ति की तकदीर भविष्य के गर्भ में है और वह वज्र की लकीर होती है।
उदाहरण देते हुए मुनिश्री ने बताया कि लोकतंत्र में चुनाव पांच साल में एक बार होते हैं। लेकिन, कभी समय से पहले चुनाव की नौबत भी आ जाती है। ऐसा आपातकाल की स्थति में होता है। आप लोगों पर आपातकाल कभी भी टूट सकता है। इसलिए जीवन में सबकुछ अच्छा होते हुए भी विपरीत परिस्थितियों में पुरुषार्थ की आचार संहिता को न भूले। पुरुषार्थ करते रहें। दिगंबर जैन समाज के प्रभारी अंशुल जैन ने बताया कि मुनि विद्या सागर, शांति सागर, प्रशांत सागर पद विहार करते हुए समसगढ़ तीर्थ स्थल पहुंचें। यहां भगवान अरहनाथ, भगवान शांतिनाथ, भगवान कुंथुनाथ की भव्य खड़गासन प्रतिमाओं की वंदना की। मुनिसंघ के सानिध्य में श्रद्घालुओं ने कलषाभिषेक किया। इस मौके पर ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु, सत्येंद्र सिंघई, मनोज बांगा, पंकज इंजीनियर, राजीव जैन, विवेक जैन, पिंटू बांगा सहित बड़ी संख्या में श्रद्घालु उपस्थित हुए। आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि कुंथु सागर का मंगल चातुर्मास पिपलानी जैन मंदिर में संपन्न हुआ। अब 29 नवंबर को मुनिश्री का भव्य पिच्छिका परिवर्तन महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। दोपहर 1 बजे पिपलानी जैन मंदिर में कार्यक्रम का आयोजन होगा।
सुदामा/27नवंबर2018