:: सद्गुरू ट्रस्ट से जुड़े महाराष्ट्र की शाखाओं के प्रतिनिधियों द्वारा सीबीआई से जॉंच की मॉंग ::
इन्दौर (ईएमएस)। राष्ट्र संत भय्यू महाराज के बारे में सद्गुरू दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट की महाराष्ट्र शाखाओं से जुड़े प्रतिनिधियों ने आज यहां कहा कि संत भैय्यू महाराज आत्महत्या नहीं कर सकते। सुनियोजित तरीके से उनकी हत्या होने की आशंका प्रतिनिधियों ने व्यक्त की है।
प्रतिनिधियों ने यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि इन्दौर की पुलिस 5 माह बाद भी हत्या या आत्महत्या के उक्त माले में जॉंच के बाद भी सच्चाई सामने लाने में असफल रही है। उनका पुलिस पर से विश्वास उठ गया है। प्रतिनिधियों ने भैय्यू महाराज की सुनियोजित हत्या की आशंका व्यक्त करते हुए मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जॉंच की मॉंग की है। इन्दौर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान महाराष्ट्र में फैली ट्रस्ट से जुड़ी शाखाओं के प्रतिनिधि अध्यक्ष मौजूद थे। इनमें अलोका के अध्यक्ष डॉ. दत्ता देशमुख, वाशिम के अध्यक्ष वल्लभ पाठक, नागपुर के जिलाध्यक्ष संदीप देशमुख, यवतमाळ के अध्यक्ष प्रवीण देशमुख, ऋषीसंकुल खामगॉंव के अध्यक्ष एन.टी. देशमुख, वंदेमातरम् फाउंडेशन, आकोट के श्याम देशमुख, सूर्योदय पारधी आश्रम शाळा, खामगॉंव के अध्यक्ष सतीष राठी, विश्वसनाथ शांति शोध व प्रसार केन्द्र निमकर्वा के विश्वास ताथोड, दर्यापुर के अध्यक्ष शिवाजी देशमुख, अमरावती के अध्यक्ष राजू सुंदरकर व मानोरा के अध्यक्ष गोपाल खोडके शामिल थे। प्रतिनिधि अध्यक्षों द्वारा कहा गया कि भैय्यू महाराज से जुड़ा हुआ हर एक शख्स यह मानने को तैयार नहीं है कि वो आत्महत्या कर सकते है? यह बात लाज़मी है जिन्होंने विदर्भ महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए कई अभियान चलाए, अनेक लोगों के संसार को बचाया, अनेक तालाब निर्माण के साथ कई ऐसे सामाजिक उपक्रमों को कार्यान्वित किया, यह पूरा देश जानता है। कोई अनुयायी यह मानने को तैयार नहीं कि वो किसी भी कठिन परिस्थितियों में आत्महत्या कर सकते हैं। अब तक अनुयायी इसे चुपचाप देखते सुनते रहे कि इन्दौर पुलिस इस मामले में गहराई तक जाकर सत्य सामने लायेगी, लेकिन 5 महिनों का लम्बा समय गुजरने के बाद भी कोई सच्चाई सामने लाने में पुलिस नाकाम रही ऐसा प्रतीत होता है। फाईल को बन्द कर दिया है, यह जानकारी भी मिली है। ऐसे में अनुयायियों ने एकजुट होकर इसके तह तक जाकर सत्य को सामने लाने का फैसला किया है। ऐसे कई सवाल है, जिनका जवाब पुलिस ढूंढ़ना नहीं चाहती या फिर उनको फाइलों में किसी दबाव के कारण बन्द किया है? कहा गया कि अब तक पुलिस तथ्यों को सामने लाएगी, ऐसा विश्वास था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि सत्य की खोज की लड़ाई में सभी को साथ आना होगा।