इटावा,08 दिसम्बर (वार्ता) सरकारी कामकाज में हिन्दी भाषा के अधिकाधिक इस्तेमाल की वकालत करते हुये उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को दावा किया कि राष्ट्र भाषा का प्रभाव अमेरिकी और यूरोपीय देशों में लगातार बढ़ रहा है।
इस्लामिया इंटर कालेज परिसर में आयोजित इटावा हिंदी सेवा निधि के 26 में सारस्वत सम्मान समारोह को संबोधित करते हुये श्रीमती मौर्य ने कहा कि पाश्चात्य सभ्यता वभाषा के बढते हुए प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि वह अपने बच्चों के पास अमेरिका गई हुई थी जहां पर वह देख कर हैरत मे पड गई कि उनके बच्चे जहां हिंदी मे बात करते थे वही उनके अमरीकी दोस्त भी हिंदी मे ही बात करते हुए देखे जा रहे थे। इसे हिंदी के प्रति प्रेम ही कहा जा सकता है ।
उन्होने कहा कि हिंदी को भारत में राजभाषा का दर्जा मिला हुआ है । सभी सरकारी कामकाज में हिंदी का गौरवपूर्ण स्थान है और होना भी चाहिए । भारत में कई भाषाएं विदमान है । वैसे तो भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में भारत की अन्य भाषाओं के मुकाबले हिंदी को अलग स्थान मिला हुआ है अन्य भाषाएं अपने अपने प्रांत तक है लेकिन हिंदी पूरे देश की भाषा है । भले ही कोई बोले नहीं लेकिन समझते सभी है वो भले ही हमे हिंदी में जबाब नही दे जब हम दक्षिण में जाते हैं तो वह सब समझते हैं ।
श्रीमती मौर्य ने कहा कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक,गुजरात से लेकर उड़ीसा तक,हिंदी जुबानी भाषा है जिसे सब समझते भी है और बोलना चाहते है। विदेशों में भी हिंदी का प्रचार प्रसार व्यापक पैमाने पर बढ़ चला है । हिंदी का प्रभाव सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है । सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से हिंदी के बढ़ते प्रभाव के चलते हिंदी की शक्ति को नकारने वाले हिंदी को स्वीकारने की स्थिति में आ गए हैं ।