(भोपाल) टोकन सिस्टम के कारण मरीज हो रहे परेशान

मामला हमीदिया अस्पताल का, मरीजों के नाम बहुत ही छोटे साइज में
भोपाल (ईएमएस)। राजधानी के हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीजों के सामने टोकन सिस्टम के कारण नई परेशानी आ गई है। टोकन डिस्प्ले के लिए लगी स्क्रीन में मरीजों के नाम अंग्रेजी में दिखाए जा रहे हैं। लगभग आधे मरीज अपना नाम ही नहीं पढ़ पा रहे हैं। इसके अलावा नाम भी इतने छोटे अक्षरों में दिखाया जा रहा है कि बहुत नजदीक जाने पर ही पढ़ा जा सकता है। हमीदिया अस्पताल में हड्डी और सर्जरी विभाग में टोकन सिस्टम तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से मरीजों को परेशानी हो रही है। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवशेखर शुक्ला ने अस्पताल पहुंचकर हास्पिटल मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम (एचएमआईएस) का निरीक्षण किया। टोकन सिस्टम भी एचएमआईएस का हिस्स्सा है।
मरीजों को कतार से बचाने के लिए हड्डी और सर्जरी विभाग की ओपीडी में टोकन सिस्टम शुरू किया गया है। इसे क्यू मैनेजमेंट सिस्टम (क्यूएमएस) कहा जाता है। अक्टूबर में दोनों में विभागों में यह व्यवस्था लागू की गई थी। मरीजों के नाम, उम्र, ओपीडी नंबर व कमरा नंबर स्क्रीन में डिस्प्ले किया जा रहा है। एक मरीज के दिखाने के बाद अगले मरीज का नंबर देरी से आ रहा है। वजह, डॉक्टर के कक्ष से ओके नहीं किया जाता। तब तक स्क्रीन में भी नाम आगे नहीं बढ़ता है।
आयुक्त ने इसी महीने सभी कमियां दुरुस्त करने के निर्देश आईटी इंजीनियरों को दिया है। उन्होंने अपरान्ह 3 से शाम 6 बजे तक रेडियोडायग्नोसिस विभाग में सीटी-एमआरआई, कैथ लैब, कार्डियक सर्जरी के निर्माणाधीन ओटी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने सभी विभागों की ओपीडी में एचएमआईएस सिस्टम शुरू करने को कहा है। हड्डी और सर्जरी विभाग की ओपीडी के डॉक्टर मरीजों की रिपोर्ट ओपीडी नंबर डाल कर देख सकते हैं। अन्य विभागों के लिए भी यह सुविधा शुरू की जाएगी। अगले चरण में सोनोग्राफी रिपोर्ट भी ऑनलाइन करने की तैयारी है। आयुक्त ने कार्डियक सर्जरी को ओटी जल्द तैयार करने के निर्देश पीआईयू के अधिकारियों को दिया है। इसी महीने ओटी तैयार होने की उम्मीद है। हालांकि, उपकरण खरीदी में देरी हो सकती है। वजह, कुछ उपकरणों की दरें न तो एचएलएल में हैं न ही मप्र पब्लिक हेल्थ सप्लाई कॉरपोरेशन में।बता दें कि हमीदिया अस्पताल में डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से एचएमआईएस सिस्टम शुरू किया जा रहा है। ओटी और भर्ती मरीजों को लेकर यह व्यवस्था पहले की लागू की जा चुकी है। सीटी स्कैन और एमआरआई को भी एचएमआईएस से जोड़ दिया गया है।
सुदामा/14दिसंबर2018