भोपाल(ईएमएस)। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो वचन पत्र जारी किया था उसमें संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने का वचन भी था। इस वचन को पूरा करने में नई सरकार को लगभग 12000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार उठाना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश में इस समय 1 लाख, 84 हजार संविदा कर्मचारी कार्यरत हैं। इन्हें नियमित किया जाना है। इन संविदा कर्मचारियों में दैनिक वेतन भोगी, स्टेनोग्राफर्स, शिक्षक, अनुदेशक, पर्यवेक्षक एवं वर्कर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सफाईकर्मी, निगम मंडल के कर्मचारी, लेखापाल लिपिक, स्टाफ नर्स, अतिथि शिक्षक, सहकारी कर्मचारी, डिप्लोमा इंजीनियर, कोटवार, पंचायत सचिव इत्यादि शामिल हैं।
संविदा कर्मचारियों के नियमित होने पर इन्हें 10000 रुपये से लेकर 14000 रुपये प्रति माह का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। पिछले 5 वर्षों में संविदा कर्मचारी लगातार आंदोलनरत थे, लेकिन सरकार ने इनकी बात नहीं सुनी।
पिछली सरकार लगभग एक लाख 80 हजार करोड़ रुपए का कर्ज़ छोड़ कर गई है। राज्य के पास कोई धन उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में नई सरकार के लिए 12000 करोड़ रुपयों का अतिरिक्त भार जुटाना काफी चुनौती भरा काम होगा, वहीं किसानों के कर्जमाफी में भी 16000 करोड़ रुपए जुटाने से विकास के अन्य कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
एसजे/हिदायत/18दिसम्बर