संसद का शीतकालीन सत्र शुरुआत से ही हंगामे की भेंट चढ़ रहा है। ऐसे में राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू में सदन में सभी सदस्यों से अपील की कि सरकार और विपक्ष को मुद्दों पर चर्चा की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए अनुमति दी गई है, सरकार भी सभी विषयों पर चर्चा के लिए तैयार है। सभापति की अपील के कुछ देर बाद ही विपक्षी दलों के कुछ सदस्य तख्तियां लेकर फिर वेल में पहुंच गए।
सभापति ने कहा शून्य काल भी नहीं हो पाया, प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया। इससे अच्छा संदेश नहीं जाता है। मेरी सभी सदस्यों से अपील है कि हम उच्च सदन हैं, हमें बाकी सबके सामने उदाहरण पेश करना चाहिए। जब भी मैं सदस्यों से बात करता हूं तो वे कहते हैं कि उन्हें पार्टी की तरफ से निर्देश है। यह सच है, हम इसे दरकिनार नहीं कर सकते। मैं इस चेयर से सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करता हूं कि कृपया इस मामले को गंभीरता से लें और सहमति बनाने की कोशिश करें कि सदन चल सके और बायकॉट और नारेबाजी को अवॉइड करें।
इस बात पर हम लोग पहले भी चर्चा कर चुके हैं। सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष इस संबंध में चर्चा करें कि सदन सामान्य तरीके से काम करे। उपराष्ट्रपति ने कहा हमारे पास इस सत्र में काफी कम समय है और काम बहुत ज्यादा है, इस बात को ध्यान में रखें। इनमें कई बिल ऐसे भी हैं, जिन पर पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों सहमत हैं। अगले कुछ दिन देश के कई हिस्सों में क्रिसमस का त्योहार है। ऐसे में उन दिनों में भी काम नहीं होगा। सभापति की अपील के बाद भाजपा नेता विजय गोयल ने जैसे ही सदन में अपना भाषण शुरू किया, विपक्ष के नेताओं ने फिर हंगामेबाजी शुरू कर दी। गोयल ने कहा सदन में हमारी पार्टी की तरफ से कोई भी नारेबाजी या प्ले कार्ड नहीं दिखाए जाएंगे। इसके बाद विपक्ष के कई नेता तख्तियां लेकर सभापति की चेयर तक आ गए। वेंकैया नायडू ने कहा, ‘मुझसे कहा गया है कि अगर कोई सदन के वेल में हंगामा करता है तो आप उसके खिलाफ कार्रवाई करें, मुझे कार्रवाई करने में कोई खुशी नहीं होगी, लेकिन अगर मुझे ऐसा करना पड़ा तो मैं सदस्य की पार्टी जाने बिना उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगा। इसके बाद सदन दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।