मुख्य सचिव ने दिए सड़क सुरक्षा नियमों के कड़ाई से पालना के निर्देश

कहा, मानवीय चूक से होती हैं 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं
मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल की अध्यक्षता में आज यहां सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित मामलों पर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने राज्य में सड़क सुरक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित बनाई जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में प्रतिवर्ष औसतन 3000 दुर्घटनाएं घटती है। उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए लोक निर्माण विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग तथा पथ परिवहन निगम को संयुक्त रूप से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं मानवीय चूक के कारण होती हैं, जबकि 15 प्रतिशत दुर्घटनाएं सड़क की खराब हालत व प्रतिकुल मौसम के चलते होती हैं और 5 प्रतिशत दुर्घटनाएं तकनीकी करणों से होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो पहिया वाहनों की सर्वाधिक दुर्घटना के मामले सामने आए है, जबकि मोटर कार दुर्घटनाओं का प्रतिशत 30 से 36 प्रतिशत तथा बसों की दुर्घटनाओं का प्रतिशत 8 से 11 प्रतिशत है।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में 505 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए है, जो दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील है। उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को संयुक्त रूप से इन स्थलों का दौरा कर निरीक्षण करने के आदेश दिए ताकि इन स्थलों का सुधार सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने पथ परिवहन विभाग को राज्य में पथ परिवहन निगम की बसों की दुर्घटनाओं के कारणों का तुलनात्मक अध्ययन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने विभाग को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक माह के भीतर नीति बनाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ड्राईविंग लाईसेंस प्रक्रिया के दौरान नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए ताकि पात्र लोगों को ड्राइविंग लाईसेंस मिल सके।

बी.के. अग्रवाल ने राज्य में स्थापित 270 ड्राईविंग स्कूलों में गुणवत्ता व सुधार सुनिश्चित बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में बायोमिट्रिक मशीन स्थापित करनी चाहिए तथा स्कूल का सारा रिकॉर्ट रखना अनिवार्य होगा। उन्होंने इन स्कूलों का 15-20 दिनों के भीतर निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए ताकि इन संस्थानों में गुणात्मक सुधार सुनिश्चित बनाया जा सके । उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस द्वारा सितम्बर व अक्तूबर माह में यातायात उल्घंन के 1643 मामले लाईसेंस रदद करने के लिए पंजीकरण एवं लाईसेंस प्राधिकरण (आरएलए) को भेजे गए हैं। उन्होंने इन मामलों पर आरएलए को 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए ।

उन्होंने पुलिस तथा जिला प्रशासन को जिले के विभिन्न सम्पर्क मार्गों में दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता शिविर आयोजित करने को भी कहा। उन्होंने निजी बसों के चालकों के लिए समय-समय पर लाईसेंस जॉच करने व कार्यशालाएं आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित मामलों से लेकर हर माह बैठक आयोजित की जाएगी।

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, निदेशक पथ परिवहन कैप्टन जे.एम. पठानिया, एडीजीपी एस.बी. नेगी, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता आर.पी. वर्मा तथा पुलिस, स्वास्थ्य, पथ परिवहन, शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।