विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए सरकारी डॉक्टरों को यह कोर्स
भोपाल। राजधानी का जिला अस्पताल (जेपी अस्पताल) को तीन विषयों पर आठ और सीटों में पीजी डिप्लोमा कोर्स कराने की अनुमति मिल सकती है। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए सरकारी डॉक्टरों को यह डिप्लोमा कराया जाता है। आर्थोपेडिक्स में दो, पैथोलॉजी में दो और जनरल मेडिसिन में चार सीटों में पीजी डिप्लोमा के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मुंबई के कॉलेज ऑफ फिजीशियन एंड सर्जन (सीपीएस) को आवेदन किया है। जून तक इन सीटों की मान्यता आने की उम्मीद है। इसके बाद दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। बता दें कि पिछले साल से जेपी अस्पताल में डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया था। गायनी में चार, एनेस्थीसिया व शिशु रोग में दो-दो सीटें हैं। डिप्लोमा शुरू होने का मरीजों को सीधे फायदा मिलेगा। दो साल के कोर्स के दौरान डिप्लोमा करने वाले डॉक्टर ओपीडी व ऑपरेशन में विशेषज्ञों की मदद करेंगे। कोर्स पूरा होने पर वह सरकारी अस्पतालों में बतौर विशेषज्ञ काम करेंगे। इन सीटों पर दाखिले नीट पीजी स्कोर के आधार पर होंगे। पिछले साल की तरह इस साल भी महिलाओं के लिए अधिकतम उम्र 50 साल व पुरुषों के लिए अधिकतम उम्र 45 साल रखी गई है। जेपी अस्पताल के अलावा सागर, सतना, समेत करीब 10 जिला अस्पताल इस साल पीजी डिप्लोमा सीट के लिए आवेदन कर रहे हैं। 2018-19 में जेपी अस्पताल के अलावा सागर व सतना जिला अस्पताल, जबलपुर के रानी दर्गावती अस्पताल, इंदिरा गांधी गैस राहत अस्पताल, कमला नेहरू गैस राहत अस्पताल व मानसिक आरोग्यशाला ग्वालियर में 28 सीटों में पीजी डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया था।
भारत सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2019-20 से मेडिकल कॉलेजों में पीजी डिप्लोमा की ज्यादातर सीटें खत्म कर दी हैं। इसके तहत प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भी क्लीनिकल विषयों की करीब 40 सीटें खत्म हो गई हैं। कुछ बची हैं। अभी तक डिप्लोमा की कुल सीटों में आधी सीटें सरकारी डॉक्टरों के लिए आरक्षित होती थीं। डिप्लोमा सीटें कम होने से सरकारी डॉक्टरों को आरक्षण के तहत पीजी डिप्लोमा करने के अवसर कम हो गए हैं। एमडी/एमएस सीटों के लिए कुछ चुनिंदा क्षेत्र के डॉक्टरों को उनके नीट पीजी प्राप्तांक के 10 फीसदी के लिहाज से अधिकतम तीन साल के लिए बोनस अंक दिया जाता है। दिक्कत यह है कि इसके लिए बहुत कम सरकारी डॉक्टर क्वालिफाई कर पाते हैं। इस बारे में जेपी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईके चुघ का कहना है कि पहले से आठ सीटों पर डिप्लोमा चल रहा है। तीन विषयों में आठ और सीटों के लिए सीपीएस को इसी हफ्ते आवेदन किया है।
सुदामा नर-वरे/12मई2019