-पीएम मोदी 17 को काशी में रैली करके कर सकते हैं अपने चुनाव प्रचार अभियान का समापन
नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव 2019 की लड़ाई अब अंतिम दौर में जा पहुंची है। सातवें और आखिरी चरण के लिए 19 मई को मतदान होना है। इसी दौर में देश की सबसे चर्चित वाराणसी लोकसभा सीट पर भी चुनाव होना है। इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। हर किसी की नजरें इस सीट पर लगी हुई हैं। आखिरी चरण के लिए पूरे देश में प्रचार खत्म करने के बाद पीएम 17 मई को काशी में रैली कर सकते हैं। यह इस बार के चुनाव प्रचार की आखिरी सभा भी हो सकती है। नामांकन करने जब पीएम वाराणसी पहुंचे थे, तो उन्होंने मेगा रोड शो किया। दो दिन के प्रवास में कुछ सभाएं भी की। तभी प्रधानमंत्री ने काशीवासियों से कहा था कि अब वह विजय का धन्यवाद करने ही काशी आएंगे।
अब लोकसभा चुनाव 2019 के प्रचार का आखिरी संबोधन करने मोदी अपने ही संसदीय क्षेत्र में पहुंच रहे हैं। दरअसल, 16 मई की शाम को प्रधानमंत्री पूर्वांचल के मिर्ज़ापुर में रैली करेंगे। इसके बाद वह वाराणसी ही जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री बतौर प्रत्याशी आखिरी कुछ दिन वाराणसी में रुक सकते हैं। गौरतलब है कि मतदान के दिन जो व्यक्ति वाराणसी का निवासी नहीं है, वह शहर में नहीं रुक सकता है, लेकिन जो भी प्रत्याशी हैं वह जरूर शहर में रुक सकते हैं। ऐसा पहली बार नहीं होगा जब पीएम मतदान से ठीक पहले वाराणसी में रुकेंगे।
इससे पहले जब यूपी में विधानसभा चुनाव थे, तब भी पूर्वांचल में मतदान से पहले प्रधानमंत्री ने तीन दिन वाराणसी में ही गुजारे थे। और पूर्वांचल में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई थी। अब यही फॉर्मूला इस बार लोकसभा चुनाव में भी अपनाया जा रहा है, क्योंकि आखिरी चरण में यूपी में सिर्फ पूर्वांचल की सीटों पर ही मतदान होना है।
प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले ही काशी में भाजपा के दिग्गजों को जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य प्रमुख नेता लगातार वाराणसी का दौरा कर रहे हैं। कई केंद्रीय मंत्री, भाजपा के सियासी रणनीतिकार भी वाराणसी में अपना डेरा जमा चुके हैं। गौरतलब है कि इस बार भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य वाराणसी की जीत को ऐतिहासिक बनाने का है।
2014 में हुए चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब पौने तीन लाख मतों से जीते थे। दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल रहे थे। वाराणसी में इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लड़ने वालों की भारी भीड़ है। पहले खबर थी कि यहां से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन बाद में कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतार दिया। बीएसएफ के बर्खास्त जवान तेज बहादुर यहां चुनाव लड़ने पहुंचे तो उनका नामांकन ही रद्द हो गया। उनके अलावा शालिनी यादव, पूर्व जज और कई किसान भी चुनावी मैदान में वाराणसी से दम भर रहे हैं।
अनिरुद्ध, 14 मई 2019