मुंबई । अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध से भारतीय कपड़ा उद्योग को फायदा हो सकता है। वर्तमान में चीन अमेरिका को करीब 3.9 अरब डॉलर का सिल्क, कॉटन, ऊन समेत 10 टेक्सटाइल के उत्पाद निर्यात करता है। व्यापार युद्ध के चलते अमेरिका ने इन सभी उत्पादों पर 25 फीसदी की टैरिफ लगा दी है। इससे अमेरिका में यह सामान महंगे हो जाएंगे। इससे बचने के लिए अमेरिकन कंपनियां भारत की तरफ रुख कर सकती है। जबकि भारत भी इस मौके को अपने पक्ष में भुना कर वस्त्र व्यापार बढ़ा सकता है। कंफडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) ने यह अनुमान जताया है। सीआईटीआई के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध के कारण अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के व्यापार पर अतिरिक्त टैरिफ 25 फीसदी तक बढ़ा दिया है। इसमें 10 टेक्सटाइल उत्पाद भी शामिल है। भारत के लिए यह वृद्धि लाभकारी होगी। सूती कपड़े के साथ ही फर्श कवरिंग, नॉनवॉवन कार्डेज, कोटेड व औद्योगिक फेब्रिक और मेनमेड फिलामेंट में सबसे ज्यादा फायदा भारत ले सकता है। चीन अभी सबसे ज्यादा अमेरिका को 737 मिलियन डालर का फ्लोर कवरिंग का निर्यात करता है जबकि भारत 906 मिलियन डॉलर का। यानी फ्लोर कवरिंग में भारत चीन से पूरी तरह से यह व्यापार छीनकर और ज्यादा मजबूत हो सकता है। भारत की कमजोर कड़ी नॉनवॉवन कार्डेज की है। इसमें भारत का निर्यात सिर्फ 95 मिलियन डालर का है जबकि चीन का 709 मिलियन डालर का यानी यदि इस सेक्टर में भारतीय कंपनियां ध्यान दे तो अमेरिका की बड़ी मांग को पूरा किया जा सकता है।
सतीश मोरे/18मई