धार शहर की इंदिरा कालोनी में रहने वाली 8 वर्षीय बालिका इस्मा खान ने मुस्लिम समाज के पाक व मुक़द्दस माह रमज़ान के दूसरे जुम्मे पर पहला रोजा रखा।
इसी तेज गर्मी में बड़ो के साथ साथ मासूम बच्चे भी रोजा रखने से पीछे नहीं हट रहे है।
परिवार वालो के साथ आसपास के लोगों ने भी इस्मा का हौसला बढ़ाया। दिन चढ़ने के साथ रोजेदार को परेशानी तो होती है लेकिन वे अपना रोजा किसी भी हालत में नहीं तोड़ते। शाम को मगरिब की अजान होते ही खुशी -खुशी अपने घर के बड़े रोजेदारों साथ बच्ची ने भी रोजा खोला।
पहली बार रोजा रखने वाली इस्मा ने बताया कि पहले घर में बड़ों को रोजा रखते देखकर उन्हें भी रोजा रखने की इच्छा होती थी। पिछले साल भी अपने घर वालो से कह रही थी कि मुझे रोज रखना है लेकिन घर के सदस्यों ने बहुत समझाया था की आप अभी बहुत छोटी हैं, अगलेे साल रोज रखना। ओर मुझे इस साल तो रोज रखना ही था इस लिए परिवार के सभी सदस्यों ने इस नेक काम में उस का हौसला बढ़ाया और उसका पहला रोजा कामयाब हुआ।