राजनीतिक प्रतिशोध , रणनीति , साजिश , खेला चुनाव जीतने का या वसूली का धंधा ….
कल वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेडे का बयान सुन कर मेरा तो दिमाग ही हवा में घूम गया .. क्या किया जा रहा है , क्या हो रहा है देश में ! अशोक वानखेडे ने लाइव डिबेट में साफ साफ कहा कि उन्होंने नवरात्र में नोएडा के एक प्रोग्राम के चीफ गेस्ट अयोध्या के एक महंत से पूछ लिया कि यू पी के हालात तो बीजेपी के पक्ष में नहीं हैं क्या बीजेपी जीत पाएगी , उनके अनुसार महंत ने जो जवाब दिया वो चौकाने वाला है कि , जीत जाएगी अभी देखो हमने शाहरुख के लों… को रगड़ दिया है , यही सब जितवा देगा हमें ” कमाल है ये विचारधारा और इस वीभत्स विचारधारा के लोग ।
ये किसी पार्टी की राजनीति का पैटर्न है क्या ? तुष्टिकरण ! तुष्टिकरण की राजनीति पर कांग्रेस पर हमलावर रहने वाले किसका तुष्टिकरण कर रहे हैं ।
खैर छोड़िए महंत को उनकी विकृत मानसिकता को ।
अब बात करते हैं आर्यन ड्रग केस में हो रहे नए नए खुलासे की , शुरू से ही ये केस आर्यन को फसाने की कोशिश के साथ साथ मीडिया मसाला और राजनेतिक खेला प्रतीत हो रहा है , कॉर्ट की उदासीनता भी चर्चा का विषय है , साथ ही ये कि एन बी सी को मददगार के तौर पर बीजेपी के कार्यकर्ता भी साथ में रखने पड़ते हैं क्या ? कारण स्पष्ट नहीं है ,स्टाफ की कमी है या ऊपर से आदेश है या ये निरीक्षक के तौर पर साथ में रहते हैं ऐसे केस में । आर्यन का हाथ पकड़ कर कोई कांस्टेबल नहीं लाता बल्कि नेता लाता है , मुखबिर , गवाह , पंच सब रेड साथ में करते हैं ये भी अभूतपूर्व है ।
अब उसी का बॉडी गार्ड जो कि केस में एन बी सी का गवाह है , पंचनामे में पंच है वो लिखित रूप से बयान दे रहा है कि आर्यन के लिए पच्चीस करोड़ की डिमांड की गई , अठारह करोड़ में डील होनी थी , उनसे कोरे कागज पर साइन ली गई यानी मामला फर्जी है ।
सुप्रीम कॉर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण जी का ये कहना कि एनडीपीएस कॉर्ट के जज को पर्सनल लिबर्टी और जमानत देने के सिद्धांतों की कोई जानकारी नहीं है इनकी ट्रेनिंग होनी चाहिए ये तो सारे मामले के मुंह पर जोरदार थप्पड़ रसीद करने वाला बयान है , जज की भूमिका और ज्ञान दोनों पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया गया है वरिष्ठ वकील द्वारा ।
यही सब चाट पकोड़ी की तरह रिया सेन के मामले में भी पेश किया गया था और उसके खिलाफ हजारों पन्ने की चार्ज शीट बनाई गई अजब गजब केस बनाया गया जिसमें कोर्ट ने कहा कि इस धारा में केस बनता ही नहीं रिया सेन पर ।
खैर यहां तो मसाला तगड़ा है नाम भी बड़ा है महीना होने को है आर्यन जेल में है , अजीब तर्क हैं , पुरानी चेट को लेकर बवाल खड़ा है , नियम कानून सब ताक पर धर दिए गए हैं , समीर वानखेड़े के कंधे पर बंदूक है, चला कोन रहा है ? सबका अपना अपना तर्क है ।इस सुनवाई में आर्यन को जमानत दे दी जाएगी ऐसा मेरा अनुमान है क्यूंकि उनके खुद के गवाह प्रभाकर ने रायता ढोल दिया है , जांच एजेंसी को वसूली गैंग बता दिया है ।
बीजेपी पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं , एनडीपीएस जज पर भी रोज़ नए खुलासे केस को फर्जी साबित करने की तरफ ही इशारा कर रहे हैं।
कितना बड़ा कमाल है कि आर्यन खान ने ड्रग ली नहीं , उसके पास थी नहीं , उसके दोस्त के पास छ ग्राम चरस बरामद किया गया और उसे रगड़ कर रख दिया है ।
अशोक वानखेडे की माने तो मुंद्रा पोर्ट पर पहले दो ड्रग कन्साइनमेंट उतार दी गई है तीसरी पकड़ा गई तीन हजार किलो की , कहां छ ग्राम चरस कहां तीन हजार किलो ड्रग । कोर्ट पूछ रही है पोर्ट पर क्या कारवाही हुई जवाब नहीं है , सब साफ़ है, गायब है ।
टीवी पर न्यूज पर जांच एजेंसी के निशाने पर किसे होना चाहिए , छ ग्राम चरस को ! जी हां , छ ग्राम को क्यूंकि माय नेम इज खान ।सोचिए मै तो सोचता ही हूं
जनाब अहमद फ़राज़ के शब्दों में
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिये आ
अब तक दिल-ए-खुशफ़हम को हैं तुझ से उम्मीदें
ये आखिरी शम्में भी बुझाने के लिये आ
रंजिश ही सही…
हनीफ इंदौरी